साइबर ठगी से बचने की एसपी ने की अपील

किशनगंज। कोरोना काल में डिजिटल पेमेंट पर लोगों की निर्भरता बढ़ती जा रही है। दूसरी ओर फिशिग के मामले भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में ठगी का शिकार होने से बचने के लिए लोगों का सतर्क रहना बेहद जरूरी है। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म व साइबर सेनानी ग्रुप के माध्यम से एसपी कुमार आशीष लोगों को जागरुक कर रहे हैं।

वे बताते हैं कि ठग अक्सर बैंक अधिकारी बन कर इस तरह से कॉल करते हैं, ताकि संदेह नहीं हो। वे वन टाइम पासवर्ड यानी ओटीपी, क्रेडिट या डेबिट कार्ड नंबर, सीवीवी नबर, एक्सपायरी डेट, सिक्योर पासवर्ड, इंटरनेट बैंकिग, एटीएम पिन, लॉग इन आइडी और पासवर्ड जैसी बातें चतुराई से जान लेता है। सशंकित लोगों द्वारा वजह पूछे जाने पर कोई बड़ी लॉटरी जीतना, कौन बनेगा करोड़पति जैसे सीरियल से कॉल आना, अपने अकाउंट को दोबारा एक्टिवेट करना, एटीएम या क्रेडिट कार्ड बंद हो जाना, रिवार्ड प्वाइंट को रीडीम करना, अकाउंट को आधार से जोड़ना जैसी बेहद जरूरी बातें बताई जाती हैं। इससे बचने की सलाह देते हुए एसपी ने बताया कि फिशिग के काम में मूलत: बेरोजगारों का इस्तेमाल किया जाता है। बड़ी तादाद में मोबाइल सिम खरीदे जाते हैं, इस्तेमाल होते हैं और फिर नष्ट भी कर दिए जाते हैं। कभी कभी आवाज बदलकर कॉल किया जाता है। तो कभी लड़की की आवाज का भी इस्तेमाल होता है।
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कभी कोई सूचना फोन पर किसी को साझा नहीं करें। अपने पिन नंबर को 60 दिन में बदलें व पिन हमेशा गुप्त रखें। हमेशा रेपुटेड ऑनलाइन वॉलेट के जरिये ऑनलाइन खरीददारी करें। ओटीपी, सीवीवी नंबर जैसी गोपनीय जानकारी किसी भी सूरत में साझा करने से बचें। बिना जांचे-परखे, कोई मोबाइल एप्लिकेशन डाउनलोड न करें। अनजाने या ज्यादा पब्लिक से जुड़े वाईफाई या ब्लूटूथ नेटवर्क से अपने मोबाइल, लैपटॉप को न जोड़ें। अच्छी क्वालिटी के एंटी-वायरस या फायरवॉल का प्रयोग करें, ई-मेल या सोशल मीडिया पर बैंक या अन्य जगहों से भेजे गए लुभावने मेल या लिक को क्लिक ना करें। संदिग्ध कॉल आते ही उसकी सूचना पुलिस को दें।
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