आवास योजना का लाभ मिले से पहले ही दलाल सक्रिय

बक्सर : चुनावी माहौल है और भ्रष्टाचार मिटाने के नाम पर वोट मांगे जाएंगे, दूसरी ओर प्रधानमंत्री आवास योजना में डंके की चोट पर रिश्वत की डिमांड की जा रही है। रिश्वत मांगने वाले स्पष्ट रूप से कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लेना है तो जेब ढीली करो। कहीं पर खुद आवास सहायक रिश्वत का कमान संभाल कर बैठे है तो कई जगहों पर यह काम लाभुक वार्ड के वार्ड पार्षद कर रहे हैं।

बेशक की चुनाव में भ्रष्टाचार भी एक मुद्दा होगा। लेकिन इसी चुनाव के दरम्यान प्रधानमंत्री आवास योजना के नए लाभुकों से रिश्वत की मांग की जा रही है। समस्या किसी एक जगह की नहीं है। अनुमंडल के विभिन्न प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में प्रधानमंत्री आवास योजना में रिश्वत का खेल एक अभियान की तरह शुरू हुआ है। चक्की प्रखंड के चंदा पंचायत की राजवंती देवी का कहना है कि वार्ड पार्षद द्वारा यह कहते हुए लगातार पैसे की डिमांड की जा रही है कि अगर पैसा नहीं दोगी तो आवास योजना की सूची से नाम काट दिया जाएगा। आवास सहायक के साथ वार्ड पार्षद आकर पैसा का डिमांड कर चुके है। इसी पंचायत के राधिका देवी, सुगनी देवी, मनोरमा देवी का भी यही कहना है। डुमराव प्रखंड के अटॉव पंचायत के ललन प्रसाद, उर्मिला देवी, राजेश, वीरेंद्र आदि का कहना है कि नए सिरे से मिलने वाले प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभुकों से आवास सहायक द्वारा पैसे की डिमांड की जा रही है। बताया जाता है कि यह डिमांड दो हजार से लेकर पांच हजार तक की हो रही है। प्रखंड के नंदन, लाखन डिहरा, मुगाव, कुशलपुर, भोजपुर कदीम, भोजपुर जदीद, सोवा, छतनवार के अलावे चक्की तथा सिमरी प्रखंड में सबसे अधिक है। बताया जाता है कि विधानसभा चुनाव के बाद आवास योजना के लिए चिन्हित नए लाभुकों को योजना मद की राशि खाता में निर्गत की जानी है। इसको लेकर एक अभियान की तरह पूरे अनुमंडल में सूची में चयनित लोगों से पैसे की डिमांड की जा रही है। कई लोग तो आवास के लोभ में झांसे में आकर कर्जा लेकर पैसा भी दे दिए हैं। डीएम तक पहुंच गया है मामला

प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार का आरोप कोई नई बात नहीं है। पिछले महीने डीएम अमन समीर जब सिमरी अंचल के डुमरी गांव में योजनाओं की जांच के लिए पहुंचे थे और आवास योजना में पैसा का सवाल उन्होंने खुद उठाया था। तब एक महिला ने बड़ी बेबाकी से यह बात कहा था कि मुझसे आवास योजना के नाम पर दो बार में पांच पांच हजार रुपया वसूला गया है। ऐसी शिकायतों पर कार्रवाई नहीं होने से भी रिश्वतखोर का मनोबल पढ़ते जा रहा है। जानकार बताते हैं कि अगर पिछले 5 वर्षों में निर्गत आवास योजना की गहराई से जांच कर दी जाए तो भ्रष्टाचार एवं रिश्वतखोरी का एक बहुत बड़ा मामला सामने आएगा।
शहर में भी नहीं है आवास योजना सुरक्षित
प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार का आरोप सिर्फ गांव तक ही सीमित नहीं है। नगर परिषद में भी गरीबों के उत्थान वाली यह योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी है। हाल ही में शहर के एक वार्ड में नगर परिषद के एक कर्मी तथा वार्ड पार्षद से आवास योजना में पैसा की डिमांड को लेकर मारपीट की नौबत आ गई थी। बाद में प्रबुद्ध जनों के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ। शहर में भी यह योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी है।
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