बिहारशरीफ। नालंदा विश्वविद्यालय ने नए एमबीए कोर्स का शुभारंभ कुलपति प्रो. सुनैना सिंह ने किया। उन्होंने कहा कि सतत विकास एवं प्रबंधन के इस स्नातकोत्तर प्रबंधन प्रशासन पाठ्यक्रम अपने तरह का एक ऐसा खास पाठ्यक्रम है जो भविष्य की आवश्यकता के अनुरूप नए नेतृत्व का निर्माण करेगा।
उन्होंने प्रथम सत्र 2020-22 के विद्यार्थियों को व्यक्तिगत व पेशेवर स्तर पर संसाधन हासिल करने के गुर बताए। उन्होंने कहा कि आर्थिक विकास और सामाजिक दायित्व दोनों ही किसी संस्थान के विकास के महत्वपूर्ण अवयव है। इसमें संतुलन बनाकर रखना जरूरी होता है।
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सतत विकास और प्रबंधन का नालंदा का यह अन्तर विषयक नवीन एमबीए पाठ्यक्रम वैसे प्रबंधन पेशेवर युवाओं को तैयार करेगा, जो न केवल आर्थिक चुनौतियों का हल ढूढ़ेगा, बल्कि वह उन पर्यावरणीय एवं समाजिक चुनौतियों से भी निबटने का रास्ता सुझाएगा, जिससे आज का औद्योगिक जगत दो-चार हो रहा है।
वहीं मिलार्ड रेविस एडवाइजरी में प्रबंधक सह फेसबुक व गूगल इंडिया के पूर्व प्रमुख रह चुके डा. मनोज वर्गीज ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने छात्रों को पिछले कुछ दशकों में प्रबंधन पेशेवर की भूमिका में हुए बदलाव के विषय में अपने विचारों से अवगत कराया। कहा कि नेतृत्व क्षमता और दृष्टि ऐसे दो अति महत्वपूर्ण विशेषताएं है, जिसके आधार पर ही एक प्रबंधन पेशेवर सफलता हासिल कर सकता है।
विज्ञान विश्वविद्यालय मलेशिया में अतिथि प्रोफेसर और संयुक्त राष्ट्र विश्वविद्यालय, जापान में पूर्व प्रोफसर रही डॉ. जिनैदा फदीवा ने सतत प्रबंधन के क्षेत्र में उभर रही आजीविका के अवसर पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा दुनिया के सभी देश अपने राष्ट्रीय स्तर पर सतत विकास के लक्ष्य को हासिल करने में जुटी है। यह स्थिति इस क्षेत्र के पेशेवरों को काफी अवसर उपलब्ध करा सकता है।
नालंदा विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ मनेजमेंट स्टडीज की डीन प्रो. सपना ए. नरूला ने कहा कि विश्वविद्यालय नेतृत्व ने सही समय पर इस पाठ्यक्रम को शुरू करने का निर्णय लिया है। जब विश्व मजदूर संगठन का अनुमान है। 2030 तक 2 करोड़ 40 लाख लोग ग्रीन जॉब के लिए तैयार होंगे। डॉ. किशोर धावला ने सभी अतिथियों का विश्वविद्यालय की ओर से धन्यवाद ज्ञापन किया।
नए पाठ्यक्रम की विशेषताएं
दो साल इस पूर्णत: आवासीय एमबीए पाठ्यक्रम की महत्वपूर्ण विशेषताओं में से एक यह है कि यह पाठ्यक्रम कार्यशील व्यक्तियों एवं नए लोग दोनों के लिए उपयोगी है। यह पाठ्यक्रम उन छात्रों के लिए भी है। जिन्हें पाठ्यक्रम के बीच में रोजगार के अवसर मिलते है तो वो एक वर्षीय डिप्लोमा लेकर पाठ्यक्रम को छोड़ सकते हैं। इन छात्रों को प्रमुख व्यापारिक घरानों गैर सरकारी संस्थाओं में इंटरर्नशिप करने का विकल्प भी मिलता है। प्रयास यह है, कि व्यावसायिक और अकादमीक जगत की प्रमुख हस्तियों द्वारा छात्रों का इस क्षेत्र में भरपूर ज्ञानवर्धन हो सकें।
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