राजगीर से रवि ज्योति का टिकट कटा, हिलसा से नया चेहरा

बिहारशरीफ। पुलिस की नौकरी छोड़ 2015 में राजनीति में आए रवि ज्योति ने जदयू के सिबल पर सुरक्षित सीट राजगीर से चुनाव लड़ा और पहली ही बार में राजनीति के दिग्गज और आठ बार के विजेता सत्यदेव नारायण आर्य को पटखनी देकर बड़ा उलटफेर कर दिया था। राजनीति का पहिया कुछ इस तरह घूमा कि उन्हीं सत्यदेव नारायण आर्य के पुत्र कौशल किशोर उर्फ मणिकांत ने रवि ज्योति को बेटिकट कर दिया। कौशल ने बुधवार को ही जदयू की सदस्यता ग्रहण की और शाम में उन्हें राजगीर से सिबल दे दिया गया। बता दें कि भाजपा ने नालंदा से बिहारशरीफ, राजगीर व हिलसा तीन सीटों पर दावा ठोंका था। जदयू ने भाजपा को एकमात्र सीट बिहारशरीफ दी और भाजपा नेता रहे वर्तमान हरियाणा गवर्नर सत्यदेव नारायण आर्य के बेटे को अपनी पार्टी में शामिल करके टिकट दे दिया। कुछ ऐसा ही बिहारशरीफ सीट से 2015 के चुनाव में हुआ था। गठबंधन टूटने के बाद डॉ. सुनील ने जद यू से पाला बदलकर भाजपा में इंट्री ली थी और भाजपा ने उन्हें अपना प्रत्याशी भी बना दिया था। वे भाजपा के टिकट पर विजयी रहे थे और नालंदा जिले की सात विधानसभा क्षेत्र में एक सीट पर भाजपा के कब्जे को बरकरार रखा था। हालांकि, इस बार अभी तक भाजपा के खाते में आई बिहारशरीफ सीट से प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं हुई है। सभी को इसका बेसब्री से इंतजार है।

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जदयू ने इस बार जिले में दो नए चेहरों पर दांव खेला है। इनमें हिलसा से कृष्ण मुरारी शरण उर्फ प्रेम मुखिया पर दांव खेला है। वे पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। इस तरह जदयू ने राजगीर व हिलसा दो सीट से नए प्रत्याशी देकर राजनीतिक हलके को चौंका दिया है। वहीं, अन्य चार विधानसभा क्षेत्र से पुराने विजयी प्रत्याशियों को ही फिर से मौका दिया गया है। नालंदा से ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, अस्थावां से जितेंद्र कुमार, हरनौत से हरिनारायण सिंह व इस्लामपुर से चंद्रसेन को सिबल मिल गया है। चंद्रसेन इस्लामपुर के पहले ऐसे विधायक हैं, जिन्हें जदयू ने लगातार दूसरी बार प्रत्याशी बनाया है। यहां से हर बार प्रत्याशी बदलते रहे हैं। वहीं इस बार पुत्र के लिए टिकट मांग रहे हरिनारायण सिंह को जद यू नेतृत्व ने वंशवाद की अनुमति नहीं दी। उन्हें खुद चुनाव मैदान में उतरने को कह दिया। वे सात बार विधायक रह चुके हैं। यह उनका आठवां चुनाव होगा।
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राजद ने इस्लामपुर से राकेश रौशन को बनाया प्रत्याशी
महागठबंधन में सीटों का बंटवारा हो चुका है। राजद ने कांग्रेस को राजगीर व नालंदा सीट दी है। परंतु अभी तक इस्लामपुर छोड़कर किसी सीट पर प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं हो सकी है। हर सीट से कई प्रत्याशियों के नाम पर मंथन जारी है। राजद ने इस्लामपुर से विधायक रहे कृष्णबल्लभ प्रसाद के पुत्र राकेश रौशन को प्रत्याशी बनाया है।
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प्रत्याशी की घोषणा होते विरोध व इस्तीफों का दौर शुरू
जैसे ही जदयू ने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की वैसे ही जगह-जगह विरोध के स्वर फूटने लगे। हरनौत से एक जदयू कार्यकर्ता ने कहा कि वे भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम पर ही चुनाव मैदान में उतरेंगी। वहीं अस्थावां से जदयू के 33 सक्रिय कार्यकर्ताओं ने अपना इस्तीफा प्रदेश कार्यालय को भेज दिया है। इनमें अरुण कुमार, सहकारिता बैंक के अध्यक्ष अमरेंद्र कुमार मुन्ना, किसान प्रकोष्ठ अध्यक्ष त्रिनयन मुखर हैं। इधर, महागठबंधन खेमे में भी किसी को टिकट मिलने भर की सुगबुगाहट भर से कार्यकर्ताओं का समूह भड़क जा रहा है। संभावना है कि कल राजद व कांग्रेस भी प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर देंगे।
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