करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद नहीं बुझी लोगों की प्यास

मोतिहारी। ताड़ पर से गिरा और खजूर पर अटका वाली यह कहावत प्रखंड की नलजल योजना को चरितार्थ कर रही है। लोगों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। लेकिन, अब भी लोगों को स्वच्छ पेयजल नहीं मिल पा रहा है। करोड़ों की लागत से प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में पीएचडी द्वारा नलजल योजना नाकारा साबित हो रहा है। पूर्व में वार्ड द्वारा किए गए कार्यों में अनियमितता पाए जाने पर बीडीओ से लोगों द्वारा शिकायत की जाती थी। परंतु पीएचडी के कोई कर्मी व पदाधिकारी का प्रखंड में मिलना दुर्लभ होना अनियमितता को और गहराई -प्रदान कर रहा है। आलम यह है कि प्रखंड के तीन पंचायतों के 17 वार्डों में पीएचडी द्वारा नलजल का निर्माण कार्य किया गया। परंतु स्वच्छ जल की एक भी बूंद लोगों के दरवाजे तक नहीं पहुंची। लोगों को शुद्ध पेयजल को लेकर आज भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। पेयजल आपूर्ति को लेकर पीएचइडी द्वारा प्रखंड के दक्षिण ढेकहा के 5, सूर्यपुर के 4 व वीरछपरा के आठ वार्डों में निर्माण कार्य कराया गया है। जहां कार्य पूर्ण होने के महीनों बाद स्वच्छ जल नहीं पहुंचा। विभाग के अनुसार प्रत्येक वार्ड में लगभग 24 से 25 लाख की बजट होता है, जो सरकार द्वारा तैयार डीपीआर पर निर्भर करता है। इसके अलावा पांच साल तक मेंटेनेंस का खर्च अलग से शामिल होता है। इसी काम के लिए पंचायत के मुखिया व वार्ड समिति 15-18 लाख तक मे कार्य कर देती थी। सूर्यपुर के संतोष शर्मा व वीरछपरा के रविद्र सहनी ने बताया कि हर घर नल जल के लिए बोरिग किया गया। लेकिन, बोरिग से पानी नहीं निकला। इस कारण पाइप बिछाकर छोड़ दिया गया। दक्षिण ढेकहा के राजदेव प्रसाद सिंह ने बताया कि लोगों के घरों तक पानी नहीं पहुंचा है। वर्जन : सभी लंबित कार्यों को पूरा कर दशहरा के बाद चालू कराया जाएगा। वहीं कार्यों में हुई देरी व लागत के संबंध में बताने पर कहा कि वरीय पदाधिकारियों से संपर्क किया जाएगा। लालबाबू साह, जेई, पीएचईडी।

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