सासाराम विधानसभा चुनाव मैदान से जवाहर प्रसाद हुए आउट

जागरण संवाददाता,सासाराम : रोहतास। विधानसभा चुनाव 2020 की सियासत ने भाजपा के कई दिग्गजों का खेल बिगाड़ दिया। लगभग तीन दशक से सासाराम विधान सभा क्षेत्र चुनाव में मुख्य केंद्र रहे ज वाहर प्रसाद इस बार चुनावी मैदान से आउट हो गए। वहीं नोखा से चार बार विधायक रहे भाजपा के दिग्गज नेता रामेश्वर प्रसाद सासाराम से लोजपा की टिकट पर किस्मत आजमा रहे हैं। राजद से टिकट पाकर राजनीति में आए राजेश गुप्ता पहली बार यहां चुनाव लड़ रहे हैं। गत तीन दशक से राजनीति में सक्रिय व राजद छोड़ जदयू में शामिल हुए निवर्तमान विधायक डॉ. अशोक कुमार इस बार चुनाव मैदान में आए हैं।

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गत 20 वर्षो पांच बार विधान सभा चुनाव जीतने वाले जवाहर प्रसाद उर्फ साधु बाबा की सीट अंतिम समय में जदयू के खाते में चली गई। वर्ष 1990 से लेकर वर्ष 2015 तक पांच बार विधान सभा का चुनाव जीतने वाले जवाहर प्रसाद 2020 के चुनावी मैदान से आउट हो गए हैं। अंतिम समय में टिकट कटने के बाद जवाहर प्रसाद ने लोजपा से लेकर रालोसपा तक से टिकट लेने का प्रयास किया। रालोसपा ने उ8ें सिबल भी आवंटित किया था, लेकिन अंतिम समय में नामांकन से मना कर चंद्रशेखर सिंह को टिकट आवंटित कर दिया। जवाहर प्रसाद अपने राजनैतिक जीवन में वर्ष 2000 और 2015 में चुनाव हारे थे। वर्ष 2015 विधान सभा चुनाव में राजद से चुनाव जीतने वाले डॉ अशोक कुमार ने पाला बदलते हुए इस चुनाव में जदयू में शामिल हो गए। जदयू में शामिल हुए अशोक कुमार को पार्टी ने सीट शेयरिग के दौरान टिकट उपलब्ध करा दिया। भाजपा संगठन से जुड़े नेता ऐसी परिस्थिति में भी पार्टी के निर्णय के खिलाफ साधु बाबा के द्वारा बगावत नहीं करने और अपने धैर्य का परिचय देने की प्रशंसा कर रहे है।वहीं भाजपा से लेकर आरएसएस से जुड़े व चार बार नोखा विधान सभा से विधायक रह चुके रामेश्वर प्रसाद चौरसिया को इस बार टिकट नहीं मिला। संगठन में भी कई महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले चौरसिया ने पार्टी के निर्णय पर असहमति जताते हुए दल परिवर्तन कर लिया। इस चुनाव में अपना क्षेत्र और पार्टी बदलकर लोजपा में शामिल हो गए व सासाराम विधान सभा क्षेत्र से चुनावी दंगल में है।
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