मार्शल आर्ट की वर्चुअल ट्रेनिग से जुड़े लोग

बिहारशरीफ। जिस गति से आपराधिक गतिविधियों में इजाफा हो रहा है, वैसी स्थिति में आत्मसुरक्षा बेहद जरुरी है। जुडो-कराटे तथा मार्शल आर्ट ने आत्मसुरक्षा की दिशा में एक बड़ी भूमिका निभाई है। यही कारण है कि अधिकांश स्कूलों में शिक्षा के साथ बच्चों को आत्मसुरक्षा की ट्रेनिग दी जा रही है। शुक्रवार को क्वान-कि-डो नामक संस्था की ओर से दो दिवसीय मार्शल आर्ट प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। संक्रमण को देखते हुए यह आयोजन वर्चुअल मोड में किया गया। इस संबंध में एसोसिएशन के चेयरमैन राजेश सैनी ने कहा कि बढ़ती आपराधिक घटनाएं चिता का विषय है। सिर्फ पुलिस सुरक्षा पर निर्भर रहना संभव नहीं है। ऐसे में आत्म-सुरक्षा बेहद जरुरी है। कहा कि एसोशिएशन इस दिशा में व्यापक कार्य करने की योजना बना रहा है। इसके लिए प्रखंड तथा जिला स्तर पर कमेटी का गठन किया जाना है, ताकि कमेटी से जुड़कर बच्चे आत्मरक्षा के गुर सीख सकें। इस मौके पर एसोसिएशन के हिमांशु शेखर, सुधीर कुमार, डॉ. चंदन पटेल, त्रिपुरारी कुर्मा शशिकांत कुमार सहित कई लोग मौजूद थे।

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युद्ध कला की तरह है मार्शल आर्ट
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यह विधिवत अभ्यास की प्रणाली और बचाव के लिए प्रशिक्षण की परंपराएं हैं। सभी मार्शल आ‌र्ट्स का एक समान उद्देश्य है खुद की या दूसरों की किसी शारीरिक खतरे से रक्षा। मार्शल आर्ट को विज्ञान और कला दोनों माना जाता है। इनमें से कई कलाओं का प्रतिस्पर्धात्मक अभ्यास भी किया जाता है, ज्यादातर लड़ाई के खेल में, लेकिन ये नृत्य का रूप भी ले सकती हैं।
मार्शल आ‌र्ट्स का मतलब युद्ध की कला से है और ये लड़ाई की कला से जुड़ा 15वीं शताब्दी का यूरोपीय शब्द है जिसे आज एतिहासिक यूरोपीय मार्शल आ‌र्ट्स के रूप में जाना जाता है। मार्शल आर्ट के एक कलाकार को मार्शल कलाकार के रूप में संदर्भित किया जाता है।
मूल रूप से 1920 के दशक में रचा गया ये शब्द मार्शल आ‌र्ट्स मुख्य तौर पर एशिया के युद्ध के तरीके के संदर्भ में था, विशेष तौर पर पूर्वी एशिया में जन्मे लड़ाई के तरीके के। हालांकि इसकी उत्पत्ति की परवाह किए बगैर इस शब्द को किसी भी संहिताबद्ध युद्ध प्रणाली के लिए शाब्दिक अर्थ और उसके बाद के उपयोग में लिया जा सकता है।
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फ्रांसिसी प्रहार शैली है सेवेट
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यूरोप मार्शल आ‌र्ट्स की कई व्यापक प्रणालियों का घर है, यूरोप की एतिहासिक मार्शल आ‌र्ट्स की जीवंत परंपराएं और दूसरी लकड़ी और तलवार से लड़ाई की कलाओं एवं सेवेट एक फ्रांसिसी पाद प्रहार शैली है, जो नाविकों और सड़क सेनानियों द्वारा विकसित की गयी थी। यह पुराने तरीके जो आज भी अस्तित्व में हैं, उनमें से कई का अब पुनर्निर्माण किया जा रहा है। अमेरिका में, अमेरिकी मूल निवासियों में खुले हाथों की मार्शल आ‌र्ट्स जिसमें कुश्ती शामिल है और हवाई लोगों में ऐतिहासिक रूप से अभ्यास में लाई जा रही कलायें जिनमें छोटे और बड़े संयुक्त जोड़ तोड़ होते हैं, की प्रथा है। केपोएईरा के पहलवानी खेलों में मूल का मिश्रण पाया जाता है, जिसे अफ्रीकी गुलामों ने अपने अफ्रीकी कौशल से ब्रा•ाील में विकसित किया। प्रत्येक शैली के अद्वितीय पहलू उसे दूसरी मार्शल आ‌र्ट्स से अलग बनाते हैं, लेकिन लड़ाई की तकनीकों का प्रबंधन एक ऐसा लक्षण है जो सभी शैलियों में पाया जाता है। प्रशिक्षण के तरीके भिन्न होते हैं और उनमें मुक्केबाजी का अभ्यास (कृत्रिम लड़ाई) या औपचारिक समूह या तकनीकों का व्यवहार हो सकता है।
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