मिटता रहा मुहाने नदी का अस्तित्व, देखते रहे जनप्रतिनिधि

बिहारशरीफ। इस्लामपुर विधानसभा क्षेत्र के कई ऐसे मुद्दे हैं, जिसे पूरा करने का हर चुनाव में जनप्रतिनिधियों ने भरोसा दिया पर आज तक कोई एक भी पूरा नहीं हो सका। एक बार फिर विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। तीन नवंबर को क्षेत्र के बाशिदे मतदान करेंगे। ऐसे में लंबित मुद्दों की चर्चा फिर से जोर-शोर से हो रही है। इन मुद्दों में इस्लामपुर को अनुमंडल व खुदागंज थाना क्षेत्र को प्रखंड का दर्जा दिया जाना समेत इस्लामपुर नगर को नगर पंचायत से नगर परिषद का स्वरूप दिया जाना शामिल है। आम जन इस्लामपुर बस स्टैंड में अतिक्रमण से परेशान हैं। वहीं पार्क की कमी भी लोगों को खूब खलती है। सबसे बड़ा मुद्दा इस्लामपुर विधानसभा क्षेत्र के बड़े हिस्से में बहने वाली मुहाने नदी की जमीन की लगातार जारी लूट है। नदी की जमीन पर मार्केट काम्पलेक्स, सैकड़ों घर बना लिए गए पर अब तक की सरकारें सदा नीरा मुहाने नदी के अस्तित्व को चुपचाप मिटते देखते रहीं। आज जब आबादी बढ़ गई है तो लोग नदी की कमी शिद्दत से महसूस कर रहे हैं।

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मुद्दा नंबर 1 : नासूर बना सड़क का अतिक्रमण व जाम
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इस्लामपुर नगर पंचायत क्षेत्र के लिए अतिक्रमण नासूर बन गया है। आए दिन शहर की रफ्तार जाम से थम जाती है परंतु स्थाई तौर पर अतिक्रमण हटाने व सड़क जाम की समस्या दूर करने के लिए ठोस प्लान पर काम नहीं हो सका। शहर में नो इंट्री तो लगाई जाती है, परंतु पालन नहीं होता। अतिक्रमण पूरे बाजार में है। कई दुकानें सड़क से सटे हैं। पार्किंग के लिए दुकानदारों ने जगह नहीं छोड़ा है। लिहाजा ग्राहकों को सड़क पर साइकिल, मोटरसाइकिल लगाकर मार्केटिग करनी पड़ती है। वहीं कुछ दुकानदार अपनी दुकानें सड़क तक लगा देते हैं। जिस वजह से सड़क महज 10 से 12 फीट चौड़ी रह गई है। इन सबके अलावा व्यवसायी व्यस्ततम समय में बीच सड़क पर सामानों की लोडिग- अनलोडिग भी कराने लगते हैं। बाजार के तीन-चार जगहों पर रोज इस तरह का नजारा देखने को मिलता है। थाना रोड, पटना रोड बस स्टैंड एवं ग्रामीण बैंक के समीप स्थिति अत्यंत दुरुह है। वहीं सब्जी बेचने वाले एवं ठेला- रेहड़ी वाले के चलते भी जाम लगा रहता है। सब्जी बाजार को शिफ्ट कराने को लेकर कोई पहल नहीं की गई तो सब्जी विक्रेता सड़क किनारे अपनी दुकान लगाने को मजबूर हैं। यह जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों की कमजोर इच्छा शक्ति को दर्शाता है।
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मुद्दा नंबर 2 : 70 के दशक तक सदा नीरा थी मुहाने नदी
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इस्लामपुर विधानसभा क्षेत्र के बड़े हिस्से में बहने वाली मुहाने नदी 70 के दशक तक सदा नीरा थी। धीरे-धीरे इस पर नदी के हिस्सों पर जगह-जगह लोगों ने अतिक्रमण करना शुरू कर दिया। समाज की भागीदारी से जमीन की लूट होती रही। नगर पंचायत भी इस पर दिलचस्पी लेते हुए मुहाने नदी के जमीन पर कब्जा कर एक बड़ा मार्केट बना दिया और सरकार मूकदर्शक बनी रही। आज मुहाने नदी पर कब्जा करके सैकड़ों मकान बन चुके हैं। कई कॉलोनी बस गई है। परंतु कभी किसी जनप्रतिनिधियों ने गंभीरता से अतिक्रमण हटाने का प्रयास नहीं किया। वजह कुछ लोगों की नाराजगी का डर रहा। इस वजह से आबादी को मुहाने नदी के लाभ से वंचित रखा गया।
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मुद्दा नंबर 3- अनुमंडल व नगर परिषद बने इस्लामपुर, खुदागंज बनाया जाए प्रखंड
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वर्षों से इस्लामपुर को अनुमंडल बनाने की मांग यहां के जनप्रतिनिधि व आम लोग करते रहे हैं। परंतु यह महज एक चुनावी जुमला साबित हुआ। जीतने के बाद किसी नेता ने इस्लामपुर को अनुमंडल का दर्जा दिलाना तो दूर कभी चर्चा तक नहीं की। चुनाव के आगमन को लेकर इस्लामपुर वासियों में फिर एक बार आस जगी है कि मुख्यमंत्री शायद इस बार उनकी बात सुन लें। इसके अलावा खुदागंज को प्रखंड व इस्लामपुर को नगर परिषद का रुतबा दिलाने की मांग भी उठने लगी है।
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मुद्दा नंबर 4 : एक अदद पार्क के लिए तरस रहे लोग
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इस्लामपुर के लोग एक अदद पार्क के लिए दशकों से तरस रहे हैं। खुद को तंदुरुस्त रखने की चाह रखने वाले लोगों के लिए यह मांग पुरानी है। परंतु सुबह में सैर करने की यहां कोई जगह नहीं है। पुरुष तो इस्लामपुर-गया मुख्य मार्ग और इस्लामपुर-पटना मुख्य मार्ग पर टहलने के लिए निकल जाते हैं। लेकिन महिलाएं व बच्चे नहीं निकल पाते हैं। लोगों का कहना है कि बूढा नगर में सूर्य मंदिर के पास पार्क बनाने की मांग वर्षों से की जा रही है। नगर के बीच का स्थल पार्क के लिए सर्वोत्तम है।
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मुद्दा नंबर 5 : दो साल पहले लगे नल से नहीं टपका पानी
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नगर पंचायत के वार्ड संख्या 3 और प्रखंड के कई पंचायतों में लगाया गया नल शोभा की वस्तु बना है। स्थानीय लोगों ने बताया कि लोगों को शुद्ध पेयजल आपूर्ति कराने को लेकर नल से जल योजना से दो वर्ष पूर्व नल तो लगा दिया गया लेकिन उससे पानी नहीं निकल रहा है। प्यास बुझाने के लिए राहगीर नल के पास जाते हैं लेकिन पानी नहीं गिरता देख वापस लौट जाते हैं।
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