15 साल से जिदा है अस्थावां को अनुमंडल व ओइयाव को प्रखंड बनाने का मुद्दा

बिहारशरीफ। जिला मुख्यालय के 25 किमी दूर राजगीर और 35 किमी दूर हिलसा को अनुमंडल बना दिया गया परंतु 15 से 30 किमी दूरी के दायरे में बसे अस्थावां को अब तक यह दर्जा नहीं मिल सका। यहां के बाशिदों का तर्क है कि बिहारशरीफ के पश्चिम हिलसा व दक्षिण राजगीर को न्याय मिल गया, परंतु पूर्वी हिस्सा अस्थावां अब तक उपेक्षित है। जबकि, बीते 15 साल से हर लोकसभा व विधानसभा चुनाव में अस्थावां को अनुमंडल व ओइयाव को प्रखंड का दर्जा दिलाना मुद्दा बनता रहा है। 2006 से अनुमंडल बनाओ संघर्ष समिति समय-समय पर आंदोलन करती रही है। समिति के सदस्य आज भी प्रयत्नशील हैं। अपनी मांग के पक्ष में इनके पास कई मजबूत तर्क भी हैं। परंतु अब तक किसी विधायक या सांसद ने लोगों की इस मांग को पूरा कराने की पहल नहीं की।

पानी भरे गड्ढे़ से युवक का शव बरामद, पहचान नहीं यह भी पढ़ें
संघर्ष समिति के सदस्यों का कहना है कि शासन-सत्ता से आमजन की दूरी यहां पिछड़ेपन की प्रमुख वजह बनी हुई है। ओइयाव, नोआवां, उगवां एवं अस्थावां से लोगों को कोर्ट-कचहरी का काम निपटाने के लिए पंद्रह से तीस किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय बिहारशरीफ आना पड़ता है। यह इलाका 90 व 2000 के दशक में बदमाशों के चंगुल में रहा था। कई गिरोह सक्रिय थे। इसी कारण लोगों की सुरक्षा के लिए ओइयाव में पुलिस कैंप खोला गया था। लोगों का कहना है कि अस्थावां को अनुमंडल बना दिया जाता तो आम जनता को कई परेशानियां से छुटकारा मिल जाएगा। क्षेत्रफल के हिसाब से अस्थावां विधानसभा लगभग 40 किलोमीटर दायरे में फैला है। नालंदा लोकसभा क्षेत्र की सातों सीट में सबसे बड़ा क्षेत्र इसी विधानसभा का है।फिर भी अनुमंडल का दर्जा नहीं मिल रहा, वहीं ओइयाव को प्रखंड बना दिया जाए तो दर्जनों गांवों के लोगों का शासन से संवाद बेहतर हो जाएगा।
डाउनलोड करें जागरण एप और न्यूज़ जगत की सभी खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस

अन्य समाचार