मतदान प्रतिशत बढ़ाने में अहम योगदान दे रही हैं जीविका दीदी

मुंगेर। कोरोना संक्रमण के भय मिश्रित माहौल के बीच बिहार विधानसभा चुनाव की बिसात बिछ चुकी है। चुनाव आयोग द्वारा लोकतांत्रिक प्रक्रिया को ससमय आगे बढ़ाने के लिए चुनाव आयोजित करने का निर्णय साहसिक है। अब लोकतंत्र के महापर्व को सफल बनाने की जिम्मेवारी मतदाताओं की है। उम्मीदवारों ने नामांकन का पर्चा दाखिल कर दिया है। कोरोना संकट के बीच मतदाताओं को मतदान केंद्र तक लाने की जिम्मेवारी बड़ी है। लगातार स्वीप गतिविधि के माध्यम से जिला प्रशासन मतदाताओं को मतदान के लिए प्रेरित कर रहा है।

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2005 के विस चुनाव से बढ़ने लगा वोट का प्रतिशत
कभी एक वो भी दौर था, जब बिहार विधान सभा चुनाव में बूथ लूट, मतदाताओं को डराने - धमकाने उन्हें कमजोर करने के साथ, पैसों का प्रलोभन का खेल अफसरों के सामने होता था। गरीब और कमजोर मतदाता अपना वोट डालने के लिए मतदान केंद्र तक आने से भय खाते थे। वोट प्रतिशत का ग्राफ लगातार नीचे चला जा रहा था। समय चक्र के साथ बिहार में सबकुछ बदल गया। नोटों की गड्डी उड़ाने वाले और धमकाने वाले प्रत्याशियों पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरु कर दी गई। साथ में वोट प्रतिशत बढ़ाने का प्रयास भी शुरु हुआ। तब दीवार लेखन से लेकर टेलीविजन, समाचार पत्रों और रेडियो के माध्यम से वोट प्रतिशत बढ़ाने की मुहिम शुरु हुई और मुहिम ने रंग भी लाया। वोट प्रतिशत में लगातार वृद्धि होने लगी।
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वोट प्रतिशत बढ़ाने में मजबूत साबित हुई ये कड़ियां :
चुनाव आयोग की पहल पर विभिन्न माध्यमों से वोट प्रतिशत बढ़ाने में कई कड़ियां बेहद मजबूत साबित हुई। गांव गांव जाकर दीवार लेखन और नारों से मतदाताओं को प्रेरित करने में आंगनबाड़ी सेविका- साहायिका, शिक्षकों और स्कूली बच्चों की रैलियां, जीविका दीदियों की जागरुकता रैली, पुलिस, शिक्षकों के साथ वरीय अफसरों द्वारा भी वोट प्रतिशत बढ़ाने का संकल्प, कमजोर और दिव्यांगों को प्रेरित किया जाना, बुजुर्गो को मतदान केंद्र तक लाने की जिम्मेवारियां, पुलिस प्रशासन द्वारा दबंग और आपराधिक क्षेत्र में फ्लैग मार्च, प्रोजेक्टर का अनुप्रयोग, नुक्कड़ सभा और नाटक आदि सहित कई तरह के सरकारी उपक्रमों से वोट का प्रतिशत बढ़ता चला गया। जिला में स्वीप की गतिविधियों के साथ लाखों जीविका दीदियों द्वारा संचालित अभियान का असर दिखने लगा है।
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कब - कब बढ़ा चुनाव में वोट का प्रतिशत :
243 सीटों के लिए 2005 में अक्टूबर में हुए बिहार विधान सभा चुनाव में मतदान का प्रतिशत 45.85 रहा था। 2010 के चुनाव में 52.72 प्रतिशत, 2015 के चुनाव में 56.91 प्रतिशत रहा था।
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कोट..
विधानसभा चुनाव को लेकर मतदाताओं की सुविधा का पूरा ख्याल रखा जाएगा। जिले में 28 अक्टूबर को चुनाव होंगे। वोट प्रतिशत बढ़ाने की दिशा में जिला स्वीप के साथ कई विभाग और आम जन भी सहयोग कर रहे हैं।
राजेश मीणा, डीएम सह जिला निर्वाची पदाधिकारी मुंगेर
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