किसी को चाहिए गैस सिलेंडर, तो किसी को सिलाई मशीन

बक्सर : चुनाव में सिबल का बड़ा महत्व होता है। आखिर इसी को देखकर मतदाता अपने पसंद का उम्मीदवार चुनते हैं। ऐसे में चुनाव चिह्न भी पसंद का मिल जाए तो क्या बात है। पंजीकृत दलों के तो चुनाव चिह्न पहले से तय हैं, लेकिन निर्दलीय को अपने पसंद का सिबल बताना होता है।

नामांकन प्रपत्र में बक्सर सदर के प्रत्याशियों ने जो सिबल की मांग की है, वह बेहद दिलचस्प है। कोई छड़ी पर विश्वास जता रहा है तो कोई प्रेशर कुकर को अपने लिए लकी मान रहा है। निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में डटे कमल नारायण को ट्रैक्टर चलाता हुआ किसान चुनाव चिह्न चाहिए। अगर आयोग को यह देने में दिक्कत है तो दूसरा विकल्प उन्होंने गैस सिलेंडर का दिया है। वहीं, हिदुस्ताव विकास दल के समर्थन से मैदान में उतरने वाले ताफिर हुसैन को सिलाई मशीन पसंद आ रही है। निर्दलीय भीम प्रसाद को गैस का चुल्हा चुनाव चिह्न चाहिए। यह नहीं मिले तो फिर फुटबॉल या चाबी में से कोई चलेगा। कर्मचारी संघ के नेता औीर चुनाव में निर्दलीय उतरे अरुण कुमार ओझा फुटबॉल लेकर जनता के बीच जाना चाहते हैं। सिबल फुटबॉल नहीं मिला तो वे बल्ला अथवा टीवी रिमोट से भी संतोष कर लेंगे। एक अन्य निर्दलीय गोवर्धन मिश्रा ने छड़ी की मांग रखी है। वहीं, निर्दलीय प्रत्याशी शत्रुघ्न सिन्हा को आटा चक्की अथवा डायमंड चुनाव चिह्न चाहिए।

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