संभलकर रहें प्रत्याशी व स्टार प्रचारक, देखती रहेगी तीसरी आखें

बिहारशरीफ। चुनाव मैदान में उतरे नेताओं के खर्च पर अधिकारियों की टीम के साथ-साथ तीसरी आख की भी निगरानी रहेगी। रविवार को टाउन हॉल में प्रत्याशियों के खर्च पर नजर रखने को लेकर अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया। इसके लिए विशेष टीम का गठन किया गया है। डीआरओ सह डीएम के निर्देश पर उड़नदस्ता की हाईटेक सुविधाओं वाली टीम इस काम पर लगाई गई है। टीम को विशेष व आधुनिक कैमरों से लैस किया गया है। नेताओं के खर्च संबंधी हर गतिविधि पर नजर रखने के लिए उन्हें ट्रेंड किया गया है। राज्य कर सहायक आयुक्त विजय कुमार पाठक ने प्रशिक्षण के दौरान उम्मीदवारों व राजनीतिक दलों के द्वारा किए जानेवाले चुनावी खर्चे पर चर्चा की। उन्होने व्यय पर्यवेक्षक के कार्यो एवं दायित्वों की जानकारी देते हुए कहा कि कोषाग के तहत गठित अन्य टीमों के साथ समन्वय बनाकर काम करें। उन्होंने सेडो ऑब्जरवेंशन रजिस्टर संधारित करने के बारीकियों से भी अवगत कराया। डीडीसी राकेश कुमार ने नवीडियो निगरानी दल के कार्यो की जानकारी देते हुए कहा कि अभ्यíथयों की चुनाव संबंधी रैली की वीडियोग्राफी किसी भी हाल में छूटनी नहीं चाहिए। वीडियो निगरानी दल का मुख्य कार्य अभ्यíथयों के व्यय पर नजर रखना है। वीडियो निगरानी दल द्वारा प्राप्त सीडी का अवलोकन कर सेडो ऑबजरवेशन रजिस्टर में अंकित किए जाने के तरीकों के संबंध में भी प्रशिक्षण के दौरान जानकारी दी गई। प्रशिक्षण में एसपी नीलेश कुमार, एडीएम नौशाद आलम, डीडीसी राकेश कुमार व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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28 लाख से ज्यादा खर्च किए तो जा सकती है उम्मीदवारी
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जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह डीएम योगेंद्र सिंह ने बताया कि व्यय कोषाग का गठन कर दिया गया है। खर्च के आकलन के लिए जिला स्तर पर दर का भी निर्धारण किया गया है। निर्धारित दर के अनुसार खर्च का आकलन कर उसे दर्ज किया जाएगा। एक विधानसभा में एक अभ्यर्थी के लिए खर्च की अधिकतम सीमा 28 लाख निर्धारित है। इस सीमा से अधिक खर्च होने पर अभ्यर्थी की उम्मीदवारी भी रद्द हो सकती है।
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जमा- निकासी की देनी होगी जानकारी
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डीएम ने बताया कि सभी बैंकों को किसी भी संदिग्ध और अनुपयोगी जमा निकासी की जानकारी ससमय नोडल अधिकारी, व्यय और अनुश्रवण कोषाग को देनी होगी। जो उम्मीदवार नामाकन करने वाले होंगे उनका प्राथमिकता के आधार पर बैंक में नया खाता खोलना होगा तथा चेक बुक जारी कर देना होगा।
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संदेह होने पर होगी जाच
चुनाव के दौरान संदेह होने वाले उम्मीदवारों पर टीम को पैनी नजर रखनी होगी। लेन-देन पर विशेष नजर रखने के लिए लीड बैंक के मैनेजर को भी निर्देश दिया गया है । उन्हें ऐसे लेनदेन के बारे में तत्काल व्यय मॉनिटरिंग सेल को अवगत कराने को कहा गया है। इसके अलावा 10 लाख से ऊपर के लेनदेन के बारे में इनकम टैक्स को जानकारी देनी है।
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सभी गतिविधियों की करनी होगी वीडियोग्राफी
प्रशिक्षण के दौरान प्रत्याशियों के चुनाव से संबंधित सभी गतिविधियों की विडियोग्राफी कराई जाएगी। ताकि वाहन का साक्ष्य, उसका निर्माण और रजिस्ट्रेशन संख्या, फर्नीचर की संख्या, बैनर कटआउट स्पष्ट दिखाई दे जिससे व्यय का सही आकलन किया जा सके। अधिकारियों को सभा स्थल पर पैनी नजर रखने को कहा गया है। स्थल के आस-पास बिना अनुमति के वाहन की जाच एवं ड्राइवर एवं पैसेंजर का बयान भी रिकॉर्ड किया जा सकता है। वीडियो तैयार करने के बाद यह पता लगाया जाएगा कि कितनी की अनुमति ली गई थी और जमीनी हकीकत क्या है। सभा स्थल पर नेताओं के भाषण तथा अन्य घटनाओं को भी रिकॉर्ड किया जाएगा ताकि पता चल सके कि कहीं आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन तो नहीं हुआ है।
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