उर्वरक का पर्याप्त भंडार, रबी में भी नहीं होगी किल्लत

बक्सर : धान के कटोरा के नाम से विख्यात बक्सर जिला में खरीफ की खेती का अब अंतिम चरण चल रहा है। धान की फसल में बालियां निकलने लगी हैं। इस बीच धान की फसल पर अधिकांश किसानों ने उर्वरक का अंतिम छिड़काव कर लिया है।

इसके बाद धान की खेती के लिए अब किसानों को उर्वरक की कोई जरूरत नहीं पड़ेगी। इस बीच जिले के किसानों की उर्वरक आवश्यकता पूरी करने के बाद भी यूरिया के साथ अन्य उर्वरकों का पर्याप्त भंडार पड़ा है, जिससे रबी सीजन का भी काम आसानी से चल सकता है।
इसकी जानकारी देते जिला कृषि पदाधिकारी कृष्णानंद चक्रवर्ती ने बताया कि विभाग अब खरीफ की ओर से निश्चित होकर रबी सीजन की तैयारियों में जुट गया है। उन्होंने बताया कि खरीफ की खेती में किसानों को यूरिया समेत किसी भी उर्वरक की कोई किल्लत नहीं होने दी गई है। जिस किसी भी प्रखंड से उर्वरक की मांग होती थी वहां तुरंत इसकी खेप पहुंचाई जा रही थी। अब धान की फसल लगभग तैयार होने के कगार पर है। ऐसे में किसानों को खरीफ के लिए उर्वरक की अब कोई आवश्यकता नहीं रह गई है। जिन किसानों को तीसरी बार उर्वरक का छिड़काव करना था उनमें से अधिकांश किसानों ने अपनी जरूरत के मुताबिक युरिया लेकर छिड़काव के बाद निश्चित हो गए हैं। बावजूद इसके जिले में फिलहाल इतना अधिक उर्वरक मौजूद है कि खरीफ की फसल के बाद रबी सीजन का भी काम चलाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि उर्वरक की कालाबाजारी रोकने के लिए विभाग हर वक्त क्षेत्र के एक-एक प्रखंड पर निगाह जमाए हुए था, जिससे किसी को भी इसका अवसर नहीं मिल सके। इस बीच जिन डीलरों ने थोड़ा बहुत प्रयास किया उनके लाइसेंस रद्द कर दिए गए। इस प्रकार अब तक जिले के 33 डीलरों के लाइसेंस पहले ही रद्द किए जा चुके हैं।

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