बाल विज्ञान कांग्रेस बच्चों को देता डिजिटल प्लेटफॉर्म

संवाद सहयोगी, किशनगंज : बाल विज्ञान कांग्रेस बच्चों में जिज्ञासा उत्पन्न करने के साथ उनकी रचनात्मकता को उजागर करता है। उनकी कल्पनाओं को साकार करने का अवसर प्रदान करता है। इसके लिए बच्चों को चयनित किए गए विषयों पर परियोजना बनाना पड़ता है। इस बार बाल विज्ञान कांग्रेस 2020 का मुख्य विषय सतत जीवन हेतु विज्ञान रखा गया है।

इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी सुभाष गुप्ता ने बताया कि बाल विज्ञान कांग्रेस का उद्देश्य बच्चों को एक मंच प्रदान करता है। जहां वे अपनी जिज्ञासा को आगे बढ़ाने के साथ रचनात्मक कार्यों के प्रति अपना मन-मस्तिष्क एकाग्रचित कर सके। भौतिक और सामाजिक वातावरण के परिपेक्ष्य में स्कूलों में पढ़ाने और सिखाने की प्रक्रिया में बदलाव भी लाना है। बच्चों को राष्ट्र के भविष्य की कल्पना करने के साथ संवेदनशील व जिम्मेदार नागरिकों की एक पीढ़ी तैयार करने के लिए प्रोत्साहित करना शामिल है। राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस परियोजना की प्रकृति अनेक है। इसके अंतर्गत परियोजना नवाचारयुक्त, साद्रीयुक्त और व्यवहारिक हो। रोजमर्रा की जिदगी के अन्वेषण पर आधारित होने के साथ क्षेत्र आधारित आंकड़े भी सम्मिलित हो। इसके अलावा वैज्ञानिक विधि पर आधारित निश्चित निष्कर्ष होने के साथ सामुदायिक क्रिया या कार्य से संबंध रखता हो। इस परियोजना के निर्माण के लिए 10 से लेकर 17 वर्ष के बच्चे हिस्सा ले सकते हैं। इसके लिए सभी स्कूलों के प्रधानाध्यापक को जिम्मेवारी सौंपी गई है। परियोजना निर्माण के लिए प्रति छात्र पांच सौ रुपये तक की राशि विद्यालय कोष से खर्च किए जा सकते हैं। छात्रों द्वारा विद्यालय स्तर पर तैयार की गई परियोजना बनाने वाले विद्यार्थी जिला स्तरीय बाल विज्ञान कांग्रेस परियोजना में हिस्सा लेंगे। जिला स्तर पर चयनित परियोजना तैयार करने वाले विद्यार्थियों को दिसंबर माह में होने वाले राज्य स्तरीय बाल विज्ञान कांग्रेस परियोजना में हिस्सा लेने का अवसर मिलेगा।

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