अस्थायी जगहों पर नहीं रखी जाएगी मूर्ति, नहीं बजेगा डीजे

कैमूर। सदर प्रखंड कार्यालय के बहुद्देशीय भवन में शनिवार को अनुमंडल पदाधिकारी जन्मेजय शुक्ला तथा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सुनीता कुमारी ने भभुआ नगर के पूजा समिति व शांति समिति के लोगों के साथ बैठक की। बैठक में मां दुर्गा की प्रतिमा बैठाने तथा उनके पूजा पाठ, पंडाल लगाने, बत्ती लगाने, जुलूस निकालने व मूर्ति के विसर्जन के बारे में गाइडलाइन की जानकारी दी गई। बैठक में एसडीएम ने कहा कि सरकार की ओर से कोविड-19 को देखते हुए गाइडलाइन प्राप्त हुए है कि मंदिरों में पूजा पाठ होगी। लेकिन इस दौरान सोशल डिस्टेंसिग का पालन होगा। अस्थाई जगहों पर प्रतिमा रखने तथा पंडाल लगाने पर मनाही है। सामूहिक रूप से प्रसाद का वितरण भी नहीं होगा। जहां पूर्व से स्थायी तौर पर मूर्ति रखी जाती थी। वहां पर पूजा पाठ होगा। अगर कहीं पर पूर्व से मूर्ति रखी गई हैं, वहां कोई पंडाल का निर्माण नहीं होगा। जहां तहां लाइटिग नहीं की जाएगी। इस बार नगर में कोई जुलूस तथा मेला का आयोजन नहीं होगा। सामूहिक रूप से कोई प्रचार प्रसार नहीं होगा। हर हाल में मूर्ति की विसर्जन 25 अक्टूबर की संध्या तक हो जाना है। जहां पर मूर्ति रखी गई है वहां पर कोई भी डीजे तथा साउंड नहीं बजेगा। कोविड-19 को देखते हुए वहां पर मात्र पूजा पाठ होगा।

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एसडीपीओ सुनीता कुमारी ने कहा कि कोविड-19 को लेकर जो सरकार की ओर से गाइडलाइन प्राप्त हुए है। उसका पालन करते हुए ही इस बार दुर्गा पूजा को आयोजित करना होगा। अगर कोई गाइडलाइन का उल्लंघन करेगा तो मजबूरन प्रशासन को कार्रवाई करना पड़ेगा। ज्ञात हो कि अब तक शांति समिति की कुल तीन बार बैठक हो चुकी है। चौथी बार बहुद्देशीय भवन में बैठक आयोजित हुई थी। मौके पर भभुआ बीडीओ शशिकांत शर्मा, रामपुर बीडीओ संजय कुमार, भभुआ थानाध्यक्ष रामानंद मंडल, नगर परिषद के प्रबंधक इसराफिल अंसारी, कमलेश सिंह, अजय सिंह, लियाकत अंसारी, दिनानाथ गिरी, दिनेश गुप्ता, आदि पूजा समिति तथा शांति समिति के लोग मौजूद रहे।
पूजा समितियों ने भी रखी अपनी मांग - नगर के पूजा समितियों की मांग थी कि नगर में कुल 24 से 25 जगहों पर मूर्ति रखी जाती है। वहां पर प्रशासन मूर्ति रखने की अनुमति दें। इस बार कोई बड़ा पंडाल का निर्माण नहीं कराया जाएगा। प्रसाद का वितरण नहीं होगा। वहीं मौके पर चुनावी कार्यक्रम को भी लेकर सवाल उठाया गया। नगर में एकादशी के दिन बड़ी देवी मां का रथ कस्तूरबा चौक तक लाने तथा फिर मंदिर तक लाने जबकि द्वादशी को बड़ी मां की प्रतिमा के साथ दुर्गा की प्रतिमा देवी मंदिर तक मिलाने के लिए ले जाने की अनुमति दी जाए। इस दौरान कोई अखाड़ा तथा कोई जुलूस नहीं निकलेगा। इस दौरान कोई डीजे आदि नहीं बजेगा। कोई जुलूस नहीं निकाला जाएगा। जबकि 26 अक्टूबर की सुबह दस बजे तक सभी मूर्तियों को विसर्जित करने का पूजा समितियों ने अपनी मांग रखी थी। पूजा समितियों का कहना था कि गाइडलाइन आने में देरी के कारण कई जगहों पर प्रतिमा बनकर पूर्व में ही तैयार हो चुके थे।
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