फर्जी मुकदमा करने वाले रामविलास दास की खंगाली जा रही कुंडली

खगड़िया । फर्जी मुकदमा दर्ज कराकर निर्दोष को परेशान करने मामले में रामविलास दास की कुंडली खंगालने में पुलिस जुट गई है। उसके द्वारा दर्ज कराए गए एक और फर्जी मामला सामने आया है। उसने 2018 में भी न्यायालय में परिवाद 19सी-18 दर्ज कराया था। न्यायालय के आदेश के आलोक में मानसी थाना कांड संख्या 264-18 दर्ज किया गया। जिसमें बंगलिया के सरोज सिंह, धनिक सिंह व रोहियार के मुकेश सिंह को आरोपित करते हुए आरोप लगाया गया था कि आरोपितों ने मारपीट की और लूटपाट की। इस मामले की पुलिस जब गहराई से छानबीन की तो सामने आया कि केस झूठा दर्ज कराया गया है। पुलिस ने घटना को असत्य करार कर न्यायालय में आरोप पत्र संख्या 134-19, 3 जुलाई 19 को समर्पित कर दिया। इससे पहले भी रामविलास दास ने 2014 में परिवाद संख्या 503 दायर किया था। न्यायालय के आदेश पर एससी-एसटी थाना में कांड संख्या 203-17 दर्ज किया गया। पुलिस जांच में केस झूठा साबित हुआ और रामविलास ने खुद विशेष न्यायालय एससी-एसटी में उपस्थित होकर कह दिया कि उसने थाना में सादा कागज पर हस्ताक्षर किया था। स्पष्ट है कि गांव के कुछेक लोग उसका गलत इस्तेमाल कर अपने दुश्मनों को फंसाने का कारगर हथियार बना लिया। इसके बाद भी उसका सिलसिला नहीं रूका और 2019 में उसने 11सी-19 कोर्ट में दायर कर दिया। इस आलोक में मानसी थाना में कांड संख्या 187-19 दर्ज किया गया और पुलिस ने जांच में केस को झूठा करार दिया। इसके बाद भी उसकी हरकत नहीं रूकी और फिर पुलिस के वरीय अधिकारियों को अर्जी देकर गरीब नि:सहाय को आरोपित करते हुए आरोप लगाया गया कि उसने मारपीट की और रुपये छीन लिया। सभी मामले में एससी-एसटी की धारा लगाई गई। इस बार ग्रामीणों ने उसकी पोल खोलने को लेकर कमर कस ली और सामूहिक अर्जी देकर उसके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।


कोट
रामविलास दास द्वारा न्यायालय के परिवाद व न्यायालय के आदेश पर एससी-एसटी के तहत दो केस दर्ज होने का पता चला है। दोनों केस जांच में झूठा साबित हुआ। एससी-एसटी थाना में भी एक केस झूठा पाया गया। वरीय अधिकारी से मार्गदर्शन मिलते ही उसके खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
दीपक कुमार, थानाध्यक्ष, मानसी, खगड़िया।
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