तीसरे दिन भक्तों ने की मां चन्द्रघंटा की आराधना

अररिया। शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में शारदीय नवरात्र के तीसरे दिन चंद्रघटा की पूजा अर्चना की गई। नवरात्र को लेकर माहौल भक्तिमय बन गया है। लोग सुबह से ही मां के दरबार में श्रद्धालु पूजा अर्चना करने के लिए पहुंच जाते हैं। शहर के विभिन्न दुर्गा मंदिरों में पूजा अर्चना धूमधाम से हो रही है। वहीं लोग अपने घरों में भी पूजा अर्चना कर रहे है।संसू,फारबिसगंज के अनुसारनवरात्रि के तीसरे दिन चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा की जाती है। मान्यता है कि माता रानी का चंद्रघंटा स्वरूप भक्तों को निर्भय और सौम्य बनाता है। मान्यता अनुसार कहा जाता है कि जिन जातकों का चंद्रमा कमजोर होता है। उन्हें मां चंद्रघंटा की पूजा अवश्य करनी चाहिए।दुर्गा मां का यह स्वरूप परम शांतिदायक एवं कल्याणकारी है। इनके मस्तक में घंटे का आकार का अर्धचंद्र मौजूद है। यही कारण है कि मां के इस स्वरूप को चंद्रघंटा कहा जाता है। शारदीय नवरात्र के तीसरे दिन सोमवार को शहर के विभिन्न पूजा स्थलों सहित मंदिरों में मां चन्द्रघण्टा स्वरुप की पूजा अर्चना की गई। शहर के प्राय: पूजा स्थलों एवं मंदिरों में सुबह से ही दर्शन के लिए भक्तो की भीड़ लगी रही। जिससे वातावरण भक्तिमय बना रहा। शहर के गोदना ठाकुरबाड़ी,बड़ा शिवालय,गोढियारे चौक पूजा समिति,बा•ार समिति, चौहान टोला, सुल्तान पोखर पूजा समिति,पुस्तकालय परिसर,स्टेशन परिसर,काली मेला रोड,अस्पताल रोड (रेलवे गुमटी),पुराना इंडियन ऑयल डिपो, काली मंदिर परिसर,हाई स्कूल रोड पूजा समिति, छूआपट्टी पूजा समिति,बंगाली टोला,भट्टाबाड़ी पूजा समिति समेत आसपास के ग्रामीण क्षेत्रो में नवरात्र को लेकर भक्तों की भीड़ अहले सुबह से लगी रही।

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दुर्गा पूजा से माहौल हुआ भक्तिमय
संसू, पलासी के अनुसार प्रखंड क्षेत्र में दुर्गा पूजा भक्तिमय माहौल में जारी है। इस क्रम में सोमवार को मां भगवती तीसरे स्वरूप चन्द्रघण्टा की पूजा-अर्चना की गयी। इस दौरान प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न भगवती मंदिरों में परंपरागत ढ़ंग से वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पूजा-पाठ जारी है।संसू , रेणुग्राम के अनुसार नवरात्र के तीसरे दिन सोमवार को देवी दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की पूजा अर्चना विधि विधान के साथ की गई। मौके पर क्षेत्र के सिमराहा, खवासपुर, मधुबनी, अम्हारा, मिर्जापुर, कुड़वा लक्ष्मीपुर,कॉलोनी, पोठिया, रमई सहित अन्य मंदिरों में पूजा अर्चना को लेकर श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहा।संसू सिकटी के अनुसार नवरात्र के तीसरे दिन देवी चंद्रघंटा की उपासना का विधान है। विद्वानों का मानना है कि मां चंद्रघंटा का रूप परम कल्याणकारी और शांतिदायक है। उनके मस्तक पर घंटे के आकार का आधा चांद मौजूद है। इसी कारण उन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है। नवरात्र के तीसरे दिन मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना के लिए सुबह से ही सीमावर्ती क्षेत्र के मंदिरों में मां के भक्तों की भीड़ लगी रही। सोमवार को मां के भक्तों ने उपवास रख कर मंदिरों और घरों में सुंदरकांड और भजन कीर्तन कर मां चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना की।संवाद सूत्र,फुलकाहा के अनुसार नरपतगंज प्रखंड क्षेत्र के दुर्गा मंदिरों व पूजा पंडालों में माता के तीसरे रूप चंद्रघंटा की पूजा धूमधाम से की गई। बाजार में चहल पहल देखी जा रही है। वहीं बच्चों में पूजा को लेकर काफी उत्साह है। फुलकाहा बाजार स्थित वैष्णवी दुर्गा मंदिर के पुजारी मनोज झा ने बताया कि इस बार माता दुर्गा घोड़ा पर सवार होकर आई है तथा भैंस पर वापस लौटेगी। हालांकि देवी के भक्तों की सारी मनोकामनाये अवश्य पूरी होगी। इधर नरपतगंज, फुलकाहा, मिरदौल, पलासी, फरही, फतेहपुर,सोनापुर, भोड़हर, सुरसर, घुरना में भी कई जगहों पर पूजा धूमधाम से हो रही है। कई लोगों ने उपवास रहकर अनुष्ठान आरंभ किया है तो कुछ लोगों ने फल के सहारे हीं व्रत सम्पन्न करने की जिद रखी है।
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