जब शिशु के दांत आने लगे तो समझिए उन्हें अ‌र्द्धठोस आहार चाहिए : किरण बाला

बेगूसराय। बच्चों में दूध का दांत निकलना ऊपरी आहार का द्योतक है। अपवाद को छोड़कर सभी बच्चों में दूध का दांत छह माह में आने लगता है। इससे पता चलता है कि बच्चे अब अ‌र्द्धठोस आहार लेने लायक हो गए हैं। इसके लिए अब सरकारी स्तर से आंगनबाड़ी सेविकाओं के द्वारा अन्नप्राशन कराया जा रहा है। उक्त बातें सीडीपीओ किरणबाला दिवाकर ने बाल विकास परियोजना द्वारा आंगनबाड़ी केंद्र पर आयोजित अन्नप्राशन दिवस के मौके पर कहीं।

उन्होंने कहा कि जब शिशु के दांत उगने लगे तो लोगों को समझ लेना चाहिए कि अब प्रकृति ने अ‌र्द्धठोस एवं ठोस अन्नाहार ग्रहण करने की स्वीकृति प्रदान कर दी है। सरकार की पहल पर सभी बच्चों का अन्नप्राशन अब आंगनबाड़ी केंद्रों में करने के लिए सुनिश्चित किया गया है और इसकी जिम्मेदारी आंगनबाड़ी सेविका को दी गई है। ऐसा गरीब परिवारों के बच्चों को आवश्यक पौष्टिक आहार खिलाने के लिए और मां को जागरूक करने के उद्देश्य से किया जा रहा है। कहा, बच्चे की उम्र के हिसाब से मीनू तय किया जाता है। सेविका द्वारा किस उम्र में बच्चों को किस तरह का भोजन चाहिए, इसके आधार पर ही उनके लिए भोजन की व्यवस्था की जाती है। इसके लिए तीन वर्क निर्धारित किया गया है। छह से नौ महीने, नौ से 12 महीने एवं 12 से 24 महीने के बच्चों को इसमें शामिल किया जाता है।
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