पूर्व डीपीओ की पेंशन पर रोक के खिलाफ अपील खारिज

बक्सर : वर्ष 2017 में सेवानिवृत्त शिक्षक से 15 हजार रुपये घूस लेते निगरानी के हत्थे चढे़ तत्कालीन जिला कार्यक्रम पदाधिकारी विनायक पांडेय की पेंशन पर रोक के खिलाफ अपील अभ्यावेदन को खारिज कर दिया गया है। बिहार राज्यपाल के आदेश से निदेशक प्रशासन सह अपन सचिव सुशील कुमार ने इस आशय की अधिसूचना जारी की है।

अधिसूचना में कहा गया है कि श्री पांडेय पर प्रमाणित गंभीर आरोपों के लिए बिहार पेंशन नियमावली 1950 के नियम 43 बी के तहत श्री पांडेय के शत प्रतिशत पेंशन पर सदा के लिए रोक का दंड संसूचित किया गया है। श्री पांडेय ने उक्त संसूचित दंड से विमुक्त करने के लिए अपील आवेदन दिया है। अधिसूचना में कहा गया है कि बिहार सरकारी सेवक नियमावली 2005 के भाग सात के नियम 24-2 के तहत सरकार के आदेश के विरुद्ध कोई अपील नहीं की जा सकती। ऐसे में उक्त आदेश के आलोक में उनके अपील अभ्यावेदन को खारिज कर दिया गया। बता दें कि 12 अप्रैल 2017 को परिवादी अक्षयवरनाथ पांडेय से 15 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किए जाने के फलस्वरूप हिरासत में लिए जाने की तिथि से उन्हें निलंबित किया गया। उसके बाद निगरानी अन्वेषण ब्यूरो से प्राप्त सूचना एवं श्री पांडेय के विरुद्ध प्रतिवेदित अन्य आरोपों के लिए उनके बचाव अभिकथन की मांग की गई तथा प्राप्त बचाव अभिकथन संतोषजनक नहीं पाए जाने पर बिहार पेंशन नियमावली के तत 12 अप्रैल 19 को विभागीय कार्यवाही प्रारंभ की गई। तत्पश्चात उप सचिव सह संचालन पदाधिकारी द्वारा प्रेषित जांच प्रतिवेदन की प्रति संलग्न कर श्री पांडेय से कारण पृच्छा की गई लेकिन कारण पृच्छा के समीक्षोपरांत आरोप प्रमाणित पाए गए। लिहाजा, प्रमाणित गंभीर आरोपों के लिए 31 अगस्त 2020 को उनके शत प्रतिशत पेंशन पर सदा के लिए रोक लगा दी गई।

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