मनोकामना पूर्ण करती हैं निर्मली की माता दुर्गा

संवाद सूत्र, करजाईन बा•ार (सुपौल) : बसंतपुर प्रखंड अंतर्गत संस्कृत निर्मली स्थित सार्वजानिक दुर्गा मंदिर में नवरात्र के पावन अवसर पर भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। बायसी-बलुआ पथ पर संस्कृत निर्मली चौक के समीप स्थित इस मंदिर के प्रति निर्मली तथा आसपास के गांवों के लोगों की अगाध आस्था है। नवरात्र में यहां पर माता की दस भुजाओं वाली प्रतिमा का निर्माण किया जाता है। स्थानीय बुजुर्गों ने बताया कि पिछले 50 सालों से यहां मां दुर्गा की वैष्णवी ढंग से पूजा-अर्चना की जाती है तथा माता श्रद्धालुओं की मनोकामना पूर्ण करती हैं। पहले यहां फूस के घर में माता की पूजा शुरु हुई थी। फिर उसे खपरा व टीन में परिवर्तित किया गया। आज यहां भव्य भवन में माता की आराधना होती है। दूरदराज से भक्तों की आस्था यहां प्रतिफलित होती है। कहा जाता है कि षष्ठी के दिन बेल न्योती के बाद संध्या में माता के दरबार में डाली लगाई जाती है। साथ ही फूलहाईस भी होता है। सच्चे मन से जो कोई यहां माता के चरणों में पुष्प चढ़ाते हैं। उनको माता फूलहाईस के रूप में फूल दे देती है। साथ ही उनकी मनोकामना भी पूर्ण होती है। पूर्व मुखिया सह संरक्षक जयकृष्ण झा, पूजा समिति के अध्यक्ष देवकृष्ण झा, सचिव मोतीलाल यादव, सरपंच चंद्र कुमार मेहता, सतेंद्र झा, हरिश्चंद्र मिश्र, कालेश्वर शर्मा, चंदकिशोर मिश्र, पवन कुमार झा, गीतेंद्र कुमार झा ने बताया कि पंडित सत्येंद्र नारायण झा एवं पुरोहित उमेश झा के द्वारा पूर्ण विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जा रही है। नवरात्र में श्रद्धालु को किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो इसका पूरा ध्यान रखा गया है। साथ ही प्रशासनिक दिशा-निर्देशों का पूर्ण पालन किया जा रहा है।


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