जहां गरजती थी बंदुकें, वहां आज माता की बरसती है कृपा

खगड़िया। एक समय था जब मुफस्सिल थाना के सामने दियारा में गोलियों की तड़तड़ाहट से लोग कांप उठते थे। गरजती बंदुकों के बीच कई जानें भी चली गई। वहां दिन में भी लोग जाने से घबराते थे। आज उस क्षेत्र में पिलिख माता की कृपा बरसती है।

अब छोटा मोटा अपराध करने के पहले सौ बार लोग सोचते हैं। माता रानी की कृपा से लोग बाग-बाग हैं। विशाल पीपल पेड़ के नीचे स्थापित माता रानी के लिए अब हर साल नौ दिनों का नवरात्र होता है। हरियाणा के विद्वान पंडित कमलनयन शास्त्री दो महीने यहां आकर मां की पूजा अर्चना करते हैं। उस होकर जाने वाले करीब आधे दर्जन से अधिक गांव के किसान माता रानी के स्थान में सब्जी, फसल व दूध देते जाते हैं। माता को प्रणाम किए बगैर उधर से कोई नहीं गुजरते। माता रानी के स्थान के बाद करीब तीन किलोमीटर तक दियारा क्षेत्र है। इसी होकर लोग टीकारामपुर, देवनटोला, एकनियां आदि गांव को जाते हैं। मगर विधिवत रास्ता अटपटा है। नयाटोला रहीमपुर गांव के उमाकांत चौधरी, सहजानंद चौधरी कहते हैं कि एक बार गांव में महामारी फैल गई थी। पिलिख माता की पूजा- अर्चना करने से गांव के लोगों को राहत मिली थी। इसलिए माता को महामारी से बचाने वाली देवी भी कहते हैं। हरियाणा के विद्वान पंडित कमलनयन शास्त्री कहते हैं कि सात साल पहले उनकी निगाह माता के स्थान पर पड़ी थी। उस निर्जन जगह पर वे एक झोपड़ी बनाकर रहने लगे। गांव वाले आने जाने लगे। वहां रामधुन के साथ महायज्ञ भी करवाया गया। आज माता रानी की कृपा से इस क्षेत्र में अमन चैन स्थापित है। क्षेत्र के किसान सब्जी तो मवेशी पालक दूध दे जाते हैं। यहां आकर माथा टेकते हैं और प्रसाद ग्रहण करते हैं।

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कोट...
बूढ़ी गंडक पार दियारा इलाके में अप्रत्याशित रूप से आपराधिक घटनाओं में कमी आई है। पहले तो पुलिस का आधा समय दियारा इलाके के विवाद को शांत कराने में लग जाता था।
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रंजीत कुमार, मुफस्सिल थानाध्यक्ष, खगड़िया।
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