चुनाव डेस्क: सुरक्षित सीट रानीगंज में जातीय गोलबंदी से चुने जाते ''राजा ''

- 1962 के बाद रानीगंज विधान सभा हुआ था सुरक्षित सीट

इस सीट पर बीजेपी कांग्रेस लगा चुकी है हैट्रिक
अफसर अली, अररिया : अररिया जिले की सुरक्षित सीट रानीगंज में राजा बनाने में हमेशा से जातीय समीकरण हावी रहा है। यहां की राजनीति विकास के मुद्दे से शुरू तो होती है। लेकिन चुनाव में जातीय समीकरण पर आकर टूट जाती है। यहां के ग्रामीण इलाकों की स्थिति आज भी बेहद खराब है। यहां अनुसूचित जाती का वोट निर्णायक भूमिका में रहता है। जानकारों की मानें तो यहां सबसे अधिक अनुसूचित जाती के एक लाख आठ हजार आठ सौ 96 वोटर हैं। हालांकि यहां माई समीकरण अर्थात यादव-मुस्लिम वोटरों की भी भूमिका कम नहीं है। यदि माई समीकरण कामयाब रहा तो प्रत्याशी की जीत का प्रतिशत बढ़ जाता है। अबतक के चुनाव को गौर करें तो जब जब माई समीकरण कामयाब हुई है तो आरजेडी की जीत हुई है। समीकरण में टूट होने पर अनुसूचित जाती को अपने पाले में करने पर भाजपा की जीत हुई है। यहां से कांग्रेस व निर्दलीय उम्मीदवार भी जीत का मजा चख चुके हैं। पिछले चुनाव में भाजपा-जदयू के संयुक्त प्रत्याशी के रूप में जदयू से अचमित ऋषिदेव ने चुनाव में जीत का स्वाद चखा था। हालांकि उस समय जीत का समीकरण कुछ अलग था। राजनीतिक विशलेषकों का मानना है कि पिछले चुनाव में अनुसूचित जाती के कंडिडेट रहने और माई समीकरण भी कामयाब रहा था। दूसरे स्थान पर बीजेपी रही थी। उससे पहले तीन विधान सभा चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी ने जीत दर्ज किया था। सहां से 1967 से 1972 तक लगातार तीन बार कांग्रेस के उम्मीदवार चुनाव जीतने में सफल हुए हैं। जिसमें दो बार डूमर लाल बैठा तो एक बार बुंदेल पासवान कांग्रेस से टिकट पर जीत कर पार्टी को हैट्रिक दिलाने में कामयाब हुए थे। इसी तरह भाजपा ने भी 2005 के फरवरी व अक्टूबर के चुनाव व 2010 में जीत की हैट्कि लगाई। जिसमें दो बार परमानंद ऋषिदेव व एक बार रामजीदास ऋषिदेव जीते थे। हालांकि यहां सबसे अधिक बार कांग्रेस का ही कब्जा रहा है। कांग्रेस प्रत्याशी यहां से पांच बार चुनाव जीत हैं। प्रत्याशी की हुई घोषणा :

इस बार जदूयू और राजद व लोजपा ने अपना कंडिडेट के नामों की घोषणा कर दी है। जदयू की ओर से सिटिग कंडिडेट अचमित ऋषिदेव चुनाव मैदान में हैं। वहीं आरजेडी ने नियोजित शिक्षक अविनाष मंगलम उर्फ मंगल ऋषिदेव नौकरी छोड़कर चुनाव मैदान में अपना दांव लगाया है। इन सब के बीच भाजपा से दो बार विधायक रहे परमानंद ऋषिदेव ने लोजपा का दामन थाम का चुनाव मैदान में उतर गये हैं। तीन एक ही विरादरी के हैं।
अब तक के विधायक
2015- अचमित- जदयू- 77717
2010- परमानंद ऋषिदेव- 65111,
2005- रामजी दास ऋषिदवे-
2005- परमानंद ऋषिदेव- बीजेपी-
2000 यमुना प्रसाद राम -आरजेडी-
1995- शांतिदेवी - जनता दल-
1990-शांति देवी - जनता दल-
1985- यमुना प्रसाद राम, आइएनसी
1980 -यमुना प्रसाद राम - आइएनसी आई
1977- अधिकलाल पासवान - जेएनपी-
1972- बुंदेल पासवान- निर्दलीय
1969- डूमरलाल बैठा- आईएनसी
1967- डुमरलाल बैठा- आईएनसी
1962 गणेश लाल वर्मा - निर्दलीय
1957- रामनारायण मंडल- आईएनसी
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