कॉविड-19 के दौरान घरों में लॉकडाउन लोगों के लिए इंटरनेट सबसे बड़ा मददगार बन कर उभरा। इस दौरान जहां इंटरनेट का उपयोग करने वालों की संख्या में इजाफा हुआ, वहीं ऑनलाइन बिताए जाने वाले समय में भी बढ़ोतरी हुई। अब हर घर में पढ़ाई, मनोरंजन, व्यापार से लेकर नौकरी ढूंढने और वित्तीय लेनदेन तक में इंटरनेट का जमकर इस्तेमाल हो रहा है।
लॉकडाउन से पहले भी बड़ी संख्या में लोग इंटरनेट का इस्तेमाल इन सभी चीजों के लिए करते थे। लेकिन लॉकडाउन के बाद ऐसे लोगों की संख्या काफी अधिक बढ़ गई है। अब लगभग सभी घरों में ऑनलाइन पढ़ाई, खरीदारी, मनोरंजन और अन्य कामों के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल हो रहा है। यहां तक कि लॉकडाउन के चलते नौकरी गंवाने वाले भी इंटरनेट के जरिये ही रोजगार ढूंढ रहे हैं। अब नौकरी के लिए उन्हें सीवी लेकर दफ्तरों के चक्कर काटने की जरूरत नहीं पड़ती। ऐसे ही नया स्टार्टअप शुरू करने वालों को अपना सामान या सर्विस बेचने के लिए बाजार में नहीं भटकना पड़ता। लोगों ने लगवाए ब्रॉडबैंड कनेक्शन लॉकडाउन के दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने वर्क फ्रॉम होम किया। इसके अलावा खाली समय में डिजिटल प्लेटफॉर्म पर एंटरटेनमेंट और बच्चों की पढ़ाई के लिए भी तेज इंटरनेट की जरूरत थी। ऐसे में बड़ी संख्या में लोगों ने ब्रॉडबैंड के कनेक्शन भी लिए। बीएसएनएल के साथ ही ज्यादातर बड़ी कंपनियां ब्रॉडबैंड कनेक्शन दे रही हैं। 2005 में हुई थी इंटरनेट डे की शुरुआत 29 अक्टूबर 1969 को दुनिया में इंटरनेट की शुरूआत हुई थी। इसलिए वर्ष 2005 से हर साल 29 अक्तूबर को इंटरनेट डे मनाया जाता है। 29 अक्तूबर, 2016 को पूरी दुनिया में 'अंतरराष्ट्रीय इंटरनेट डे' मनाया गया था।
लॉकडाउन के दौरान इंटरनेट ने हमको बड़ा सहारा दिया। मेरी बिटिया ने इंटरनेट के माध्यम से ही अपनी कंपनी के लिए वर्क फ्रॉम होम किया। वहीं घरवालों ने इस दौरान खूब फिल्में देखी। इंटरनेट नहीं होता तो लॉकडाउन के दौरान दिक्कतें बढ़ जाती। -सुशील पुरोहित
इंटरनेट ने क्रिएटिविटी के भी नए रास्ते खोले हैं। लॉकडाउन के दौरान लोगों ने न केवल पढ़ाई की बल्कि टिक टॉक पर खूब वीडियो भी बनाए। सोशल साइट से अपने दोस्तों और परिचितों से जुड़े भी रहे। इंटरनेट नहीं होता तो यह सब करने में काफी दिक्कत होती। -हरीश पांडे