देखरेख के अभाव में पौधे बर्बाद

कैमूर। स्थानीय प्रखंड क्षेत्र के दसों पंचायत में मनरेगा द्वारा लाखों रुपये के पौधे लगाए गए। लेकिन वर्तमान समय में वह सूख गए हैं या तो सूखने के कगार पर हैं। बता दें कि मनरेगा द्वारा प्रखंड के सभी पंचायतों में कहीं सड़क के किनारे तो कहीं निजी जमीन में पौधे लगाए गए थे। लेकिन समय से पानी नहीं देने के कारण वह सूख गए हैं। हालांकि पौधों को देखने के लिए वन रक्षकों को नियुक्त किया गया है। उनकी पारिश्रमिक राशि भी समय समय से उनके खाते में हस्तांतरित की जाती है। लेकिन वन रक्षकों द्वारा अपने कर्तव्य का निर्वाह उचित ढंग से नहीं करने के कारण पौधे सूख रहे हैं। वहीं मनरेगा विभाग द्वारा इन वन रक्षक के ऊपर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। सड़क के किनारे चलने पर हजारों की संख्या में पौधे लगे दिखते हैं। इन पौधों की सुरक्षा के लिए गैबियन भी लगाया गया। लेकिन देखरेख के अभाव में पौधे सूख गए हैं। अकोल्हीं पंचायत की बात की जाए तो बड्डा गांव से अकोल्हीं तक ,बड्डा मैदान में एवं अकोल्हीं मुख्य सड़क से कारीराम मध्य विद्यालय तक सैकड़ों की संख्या में पौधे लगाए गए हैं। लेकिन पानी नहीं मिलने के कारण सूख गए हैं। पूछे जाने पर मनरेगा के पीओ धीरेंद्र प्रसाद ने बताया कि इस बात की जानकारी रोजगार सेवक को कर दी जा रही है व वन रक्षक का भुगतान रोकने की प्रक्रिया की जाएगी।


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