शहर की सड़कों पर उड़ रही धूल, सांसत में शहरवासी

रोहतास। शहर से होकर गुजर रही मुख्य सड़कों पर भारी वाहनों की आवाजाही से लगातार उड़ रही धूल के चलते शहरवासी सांसत में हैं। हवाओं में धूलकण का स्तर बढ़ने से लोग परेशान हैं। धूल के कारण पैदल व बाइक चालकों के अलावा खुले वाहन चालकों का शहर में चलना मुश्किल हो गया है। सेहत के नजरिए से भी लोगों की मुश्किलें बढ़ रही हैं। सांसों के जरिए शरीर में जा रही धूल से एलर्जी, अस्थमा के अलावा गले व छाती की बीमारी लगातार बढ़ने की शिकायत मिल रही है।

धूल की समस्या की वजह से लोग पिछले कई वर्षों से परेशान हैं। इस संबंध में स्थानीय लोगों ने नगर पंचायत के अधिकारी व जनप्रतिनिधियों से भी कई बार शिकायत की। बावजूद इसके अबतक समस्या का निराकरण नहीं किया जा सका है। जर्जर सड़क है मुख्य कारण:
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सासाराम-चौसा पथ से होकर गुजर रहे बालू लदे ओवरलोडेड ट्रको के चलते यह पथ स्थानीय विद्युत उपकेंद्र से लेकर पेट्रोल पंप तक बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। शहर से आगे तक की सड़क की मरम्मत तो कर दी गई है, लेकिन शहर से होकर गुजर रहे लगभग दो किलोमीटर सड़क को जर्जर हालत में ही छोड़ दिया गया है। नतीजा यह है कि यह सड़क वर्षों से जर्जर अवस्था में आ गई है। जहां बरसात में लोग कीचड़ से परेशान होते हैं तो अन्य दिनों में धूल के गुब्बार का सामना करना पड़ता है। कहते हैं लोग:
स्थानीय निवासी बिक्रमा सिंह, मुन्ना तिवारी, बब्लू सिंह, भरत शर्मा, पारसनाथ सिंह आदि ने बताया कि सड़क से उड़ रही धूल घरों के आंगन से होते हुए रसोई घर तक पहुंच रही है। किचन के अंदर खाने तक दूषित होने लगे हैं। लोगों की मानें तो गली मोहल्लों में भी धूल की समस्या बनी हुई है। सबसे ज्यादा समस्या मुख्य मार्गों पर देखने को मिल रही है। एलर्जी के साथ दमा व सांस की समस्या:
पीएचसी चिकित्सक डॉ. संग्राम सिंह कहते हैं कि वाहनों के आने जाने से शहर की सड़कों पर उड़ती धूल के चलते लोगों को खांसी, दमा, सांस, एलर्जी, खुजली व फेफड़ों में इंफेक्शन की समस्या हो रही है। धूल के बारीक कण मुंह नाक व आंखों में प्रवेश कर जटिल रोग पैदा करते हैं। आंखों में जलन भी इसका मुख्य कारण है। प्रभावित हो रहा कारोबार:
शहर की सड़कों पर हवा के साथ धूलकण उड़ने के कारण वहां काम करने वाले व्यापारी परेशान हो रहे हैं। उनका कहना है कि धूल की वजह से सबसे ज्यादा परेशानी व्यापारी वर्ग को हो रही है। एक तो वे लगातार अपने दुकान में बैठ कर धूल का शिकार हो रहे हैं, जहां ग्राहक भी आने से कतराने लगे हैं। ऊपर से दुकान में रखा सामान भी खराब हो रहा है। कहते हैं अधिकारी:
शहर की सड़क पर काफी धूल उड़ती है। समय-समय पर टैंकलॉरी से पानी डलवाया जाता है, लेकिन गढ्ढा, धूल व बड़े वाहनों की संख्या इतनी ज्यादा है, जिसके चलते पानी डालने के कुछ घंटे बाद ही दोबारा धूल उड़ने लगती है। इसका स्थाई समाधान सड़क का जीर्णोद्वार ही है, जो पीडब्ल्यूडी के जिम्मे है।
मनोज कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी
नगर पंचायत, कोचस
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