अपने ही गठबंधन के प्रत्याशी के हार की दुआ मांग रहे नेताजी

अररिया। जोकीहाट विधानसभा चुनाव सीमांचल में हाटकेक बना है क्योंकि सिसौना गांव के जिस भवन में बैठकर सीमांचल के अधिकतर विधानसभाओं के जीत-हार की दशा दिशा तय होती थी, आज उसी विधानसभा में कुर्सी हथियाने के लिए दो सहोदर भाई आमने-सामने चुनावी मैदान में डटे हैं। वहीं टिकट से वंचित कुछ नेताओें की अजीबोगरीब चाहत क्षेत्र से छन छनकर पार्टी कार्यालय से लेकर मतदाताओं तक पहुंच रही है। टिकट से वंचित कुछ नेताजी चाहते हैं कि उनका गठबंधन यहां नहीं जीते ताकि आगे उन्हें विधायक बनने का सुनहरा मौका मिल सके। लोगों का मानना है कि राजनीति में सभी मतलबी यार होते हैं। ऐसे नेताजी अपने गठबंधन के प्रत्याशी के लिए विधानसभा का तो दौरा कर रहे हैं लेकिन वे सिर्फ वोटरों का नब्ज टटोल रहे हैं। इस चुनाव में नेताजी अपना भविष्य ढूंढ रहे हैं। हालांकि हर विधानसभा क्षेत्र में ऐसे महत्वाकांक्षी नेता हैं लेकिन जोकीहाट विधानसभा में तो करीब आधा दर्जन से कम नेता नहीं हैं। ऐसे नेताजी पार्टी के लिए हाथी के दांत साबित हो रहे हैं। जहां कहीं भी वोटर प्रत्याशी की तारीफ करते हैं नेताजी का मुंह लटक जाता है। विरोध के स्वर जहां सुनते हैं वहां मन हीं मन बहुत खुश होते हैं। उपर से मलहम लगाकर निकल जाते हैं। नेताजी के साथ एक दो छुटभैये नेता भी मिर्च मसाला लगाकर नेताजी को खुश कर देते हैं। सर अगली बार तो आपकी टिकट पक्की। जैसा विरोध है इस बार इ बंदा हार गए तो फिर कौन बचेगा। आपहीं न बचिएगा। बांकी सब तो फिसड्डी साबित होगा। आप तो पुराने कार्यकर्ता हैं। आपकी पहुंच तो पटना तक है। नेताजी मन ही मन दुआ मांग रहे हैं कि इस बार उनके गठबंधन का उम्मीदवार यदि पराजित हो गए तो अगले विधानसभा में उनका टिकट फाइनल है।


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