.. फिर भी चुनाव का होता है अपना फंडा

भरत कुमार झा,सुपौल: सुपौल जिले के पांच विधानसभा क्षेत्रों में से एक है निर्मली। कोसी की विभीषिका से त्रस्त इलाके के रूप में इसे ख्याति प्राप्त है। विकास की भरपूर दरकार। लोगों की भी दिली इच्छा है कि कोई तो मिले तारणहार। इसलिये अपनी व्यथा कह ही देते हैं। विकास के दावेदारों को सही जवाब देने का जज्बा भी है इनके पास। लेकिन वोट की बात करते ही ये भी शुद्ध समीकरण पर ही उतर जाते हैं। निर्मली विधानसभा क्षेत्र का भपटियाही बाजार आइए। कोसी की विभीषिका से पूर्व छोटी कलकत्ता के रूप में जाना जाता था यह इलाका। और अब कोसी की मार से कराहता बाजार। हाल के दिनों में फोरलेन सड़क के गुजरने से बाजार की चमक थोड़ी बढ़ी है। राजधानी से नजदीकी भी बढ़ी। लेकिन अन्य मसले लगभग वहीं के वहीं। बालकृष्ण खड़गा ढ़ोली के हैं। ढ़ोली जो पूर्णरूपेण कहिये तो कोसी के गर्भ में ही है। कहते हैं कि किन से की जाये उम्मीद? बारी-बारी से तो सबको लोगों ने देख ही लिया है। मेरे गांव को कोई कुछ दे ही नहीं सकता। इसीलिये विकास की तो बात करना ही बेमानी है। अब रहा चुनाव तो यह बिल्कुल स्पष्ट है कि किसको किधर जाना है। पुरानी भपटियाही के रामदेव मंडल कहते हैं- गांव में समस्याओं की कमी नहीं है, लेकिन वोट तो देखकर ही देना पड़ेगा कि किधर सबका झुकाव है। गंगापुर के लाल यादव बताते हैं कि कौन नहीं जानता है कि शिक्षा, स्वास्थ्य का क्या हाल है। लेकिन वोट का अपना समीकरण है, समय के हिसाब से खुद तय हो जायेगा। इसी प्रखंड का गांव है इटहरी जो कोसी के सीपेज से त्रस्त है। गांव में खेती भी नहीं हो पाती। समस्याओं की लंबी फेहरिस्त है। लेकिन यहां भागवत मंडल कहते हैं कि समस्याएं तो हैं लेकिन चुनाव का अपना फंडा है। ---------------------- निर्मली विधानसभा क्षेत्र का ये है तीसरा चुनाव निर्मली विधान सभा क्षेत्र नये परिसीमन के तहत 2010 में बनाया गया। इस क्षेत्र में निर्मली, सरायगढ़-भपटियाही और राघोपुर प्रखंड पड़ता है। इससे पूर्व मोटे तौर पर यह किसनपुर विधानसभा क्षेत्र होता था। किसनपुर विधानसभा क्षेत्र का अस्तित्व समाप्त करते निर्मली और सरायगढ़ भपटियाही प्रखंड के अलावे राघोपुर विधानसभा क्षेत्र के राघेापुर प्रखंड को इसमें जोड़ दिया गया। 2010 का चुनाव यहां से एनडीए गठबंधन के तहत जदयू प्रत्याशी के रूप में अनिरुद्ध प्रसाद यादव ने जीता था। 2015 में गठबंधन में फेरबदल हुए। लेकिन महागठबंधन ने श्री यादव पर ही अपना विश्वास जताया था और विजयी हुए थे। इस चुनाव फिर एनडीए गठबंधन से अनिरुद्ध प्रसाद यादव ही मैदान में हैं लेकिन सामने से पिपरा के विधायक यदुवंश कुमार यादव को राजद ने मैदान में उतारा है। दो-दो विधायक इस क्षेत्र से आमने-सामने हैं। लड़ाई को त्रिकोणात्मक बनाने एवं नतीजे को प्रभावित करने के लिए लोजपा से गौतम कुमार, रालोसपा से अर्जुन प्रसाद मेहता, जन विकास पार्टी से विजय कुमार यादव एड़ी चोटी एक किए हैं। यानी इस क्षेत्र से कुल 15 उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे हैं। चुनावी शोरगुल के बीच मतदाता खामोश है।


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