जागरण संवाददाता, किशनगंज : प्रचार प्रसार का शोर थमते ही अब डोर टू डोर कैंपेन शुरू हो गया है। नेपाल और बंगाल सीमा से सटे इस इलाके में धनबल का भी जोर चलता आ रहा है। लिहाजा चुनाव से 24 घंटे पूर्व प्रत्याशियों के लिए काफी अहम माना जा रहा है। अंतिम दिन डोर टू डोर अभियान के दौरान मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए तमाम कवायदें की जाएगी। मुकाबले में शामिल प्रत्याशी हर मोर्चे पर किलेबंदी में जुट गए हैं। गांवों के प्रधान से लेकर परिवार के प्रधान तक को फोन कॉल पर लाइनअप किया जा रहा है। कोड वर्ड में रणनीति को अंजाम दिया जा रहा है। खासकर बातचीत के लिए वाट्सएप कॉलिग किया जा रहा है। ताकि कॉल रिकॉर्डिंग के खतरे से बचा जा सके। दूसरी तरफ चारों विधानसभा में अलग-अलग सामान्य प्रेक्षक लगातार ग्रामीण इलाकों का दौरा कर निष्पक्ष चुनाव को लेकर नजरें रख रहे हैं। धनबल और बाहुबल के जोर को सिरे से खारिज करने के लिए आयोग पूरी तरह चौकस है। पुलिस प्रेक्षक भी लगातार निगरानी कर रहे हैं। उड़नदस्ता दल समेत तमाम प्रशासनिक अधिकारी भी मुस्तैद हैं।
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जिले के चार विधानसभा सीट यथा किशनगंज, बहादुरगंज, कोचाधामन और ठाकुरगंज से मैदान में कुल 51 प्रत्याशी मैदान में हैं। जिसमें सर्वाधिक 20 प्रत्याशी किशनगंज विधानसभा में हैं। इसी तरह कोचाधामन में 12, ठाकुरगंज में 10 और बहादुरगंज में नौ प्रत्याशी हैं। इनमें किशनगंज, कोचाधामन और बहादुरगंज में लड़ाई त्रिकोणीय है। जबकि ठाकुरगंज में निर्दलीय उम्मीदवार की वजह से मुकाबला रोचक बन चुका है।
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