यूपी रोडवेज का आजमगढ रीजन बना भ्रष्टाचार का अड्डा,सविदा कर्मचारियों से वसूली का आडियो वायरल

मऊ . उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) राज्य सड़क परिवहन निगम के क्षेत्रीय कार्यालय इन दिनों भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है. रीजनल मैनेजर से लेकर एआरएम और इस्पेक्टरों के द्वारा परिचालकों आदि से की जा रही अवैध वसूली में परिचालको को उन्हें सेवा से बाहर करने की धमकियाॅ के सहारे यह वसूली पहली बार उजागर हुई है. एआरएम और परिचालक इंस्पेक्टर के द्वारा संविदा परिचालको को अपनी वसूली का माध्यम बनाया जा रहा है. मामलें में शासन से जांच के आदेश दिए गए है.

विभागीय सूत्रों के अनुसार उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) राज्य सड़क परिवहन निगम के क्षेत्रीय कार्यालय आजमगढ में संविदा कर्मचारियो को सेवा से निष्काशित करने की धमकी में वसूली को आधार बनाने के काम में एआरएम इंसपेक्टर और एक परिचालक की सहभागिता के प्र्यापत सबूत के हाथ लगे है. एआरएम दोहरीघाट महेश लाल वास्तव, इस्पेक्टर राजविजय सिंह,सच्चिदा नन्द राय और एक रेगुलर पचिालक रीतेश पाडेय के द्वारा संविदा कर्मचारियों को सेवा से निष्काशित कराने की धमकी के साथ की जा रही वसूली और संविदा कर्मचारियो के द्वारा अधिकारियों की मांग को पूरा नही करने पर विभागीय कार्रवाई के बाद सेवा से निश्काशित करने की योजना का खुलासा हुआ है.
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बलिया डीपों में वतौर संविदा परिचाल धनजी राय से योजना के तहत उपरोक्त अधिकरियों ने सवारियों की चेकिंग के दौरान उनसे उनकी टिकट मशीन को लेकर खुद बिना सवारियों के टिकट बना कर डब्लूटी के आरोप मढे गए. यही नही आजमगढ में डियूटी के दौरान धनजी राय से टिकट मशीन और रुपयो से भरा बैग छिन लिया गया जिसमें मेरे 1700 ब्यक्तिगत धन था. मजे की बात यह रही कि चेकिंग के दौरान उपरोक्त अधिकारियों ने धनजी राय के बे-बिल पर चेकिंग दिखा कर कोई और आरोप नही लगाया. मांगों की पूर्ति नही होने के बाद अधिकारियों ने कागजी कोरम की पूर्ति कर धनजी के खिलाफ विभाग से निष्काशन की तैयारी में है. उपरोक्त अधिकारियों में से अधिकांश की अवैध मांग और उसकी पूर्ति के सबूतों के साथ पीड़ित की शिकायत को ने शासन तक पहुचाते हुए विभाग मे व्याप्त भ्रष्टाचार का खुलासा किया है.
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मामले में जांच के आदेश दिए गए है. समाचार दिए जाने तक क्षेत्रीय कार्यालय की ओर से या फिर एआरएम बलिया के द्वारा पीड़ित संविदा परिचालक को उसके खिलाफ की गई कार्रवाई के मामले में कोई नोटिस नही दी गई है जबकि विभाग की ओर से उससे सेवा नही ली जा रही है. बताते चल कि एआरएम दोहरीघाट महेष लाल वास्तव इंसपेक्टर राज विजय ंिसह सच्चिदा नन्द राय, और बेल्थरारोड रोडवेज में तैनात रीतेश कुमार पांडेय ने बलिया डीपों में ही वतौर संविदा परिचालक धनजी राय से अपनी अवैध मांगों को उसे नौकरी से निकलवाने की धमकी के प्रभाव में पूरी करवाई और जब इन अधिकारियों और उनके माध्यमों में मौजूद लोगों की धन जी राय से आए दिन वसूली की जाने लगी तो उसे देने से इनकार कर दिया तो उसे एक बीते 29 अक्टूबर 20 को उसके वाहन को रोक कर चेकिंग के बहाने उससे उसकी टिकट मशीन को लेकर बिना सवारी टिकट बनाया गया और फिर उसके खिलाफ कार्रवाई की धमकी दी गई.
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इसके बाद आजमगढ पहुचने पर उससे बैग और मशीन जमा कर लिया गया इस दौरान उस बैग में 17सौ रुपये धनजी के व्यक्तिगत थे. बहरहाल मामले में जांच चल रही है. आरएफ आजमगढ के इशारे पर एआरएम बलिया के द्वारा बीती रात धनजी के खिलाफ साजिश में बैक डेट में कई अन्य आरोपों की तैयारी की योजना पर काम किया जा रहा है.
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