करतारपुर साहिब प्रबंधन से सिख संस्था को हटाने पर भारत ने जताया कड़ा ऐतराज

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। भारत (India) ने आज पाकिस्तान के उस फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया दी है जिसमें इमरान सरकार ने एक निर्णय के तहत करतारपुर साहिब गुरुद्वारे का प्रबंधन एक सिख संस्था से लेकर एक अन्य ट्रस्ट को दे दिया है। इसको लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि पाकिस्तानी मिशन के प्रभारी आफताब हसन खान को स्पष्ट रूप से बताया गया है कि यह निर्णय सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं के खिलाफ है।

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बता दें कि पाकिस्तान सरकार ने करतारपुर साहिब का प्रबंधन का जिम्मा पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से लेकर एक गैर-सिख निकाय 'इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड' को थमा दिया है। श्रीवास्तव ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा लिया गया एकतरफा निर्णय काफी निंदनीय है। और करतारपुर साहिब गलियारा पहल की भावना के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि यह फैसला सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं के खिलाफ भी है।
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मालूम हो कि दोनों देशों ने पिछले साल नवम्बर में पाकिस्तान में गुरुद्वारा करतारपुर साहिब से भारत के गुरदासपुर में डेरा बाबा साहिब तक गलियारा खोल लोगों को जोडऩे का एक ऐतिहासिक कदम उठाया था। चार किलोमीटर लंबा करतारपुर गलियारा पंजाब के गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक और पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा करतारपुर साहिब को आपस में जोड़ता है। कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर गलियारे को मार्च में बंद कर दिया गया था।

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