रैन बसेरा में जनसुविधा बेहाल, बदहाली में गुजरेगी रात

भागलपुर। शहर में नगर निगम की ओर से सात रैन बसेरे बनाए गए हैं, ताकि राहगीर और बेघर लोगों की सर्द रातें आराम से गुजरे। रैन बसेरों में सुविधाओं का अभाव है। वर्तमान समय में रैन बसेरा में बुनियादी सुविधाओं से वंचित रहना पड़ेगा। दो माह से बेडसीट की धुलाई तक नहीं हुई। कोरोना काल में लोगों के बीच निगम संक्रमण बांटा जा रहा है। जिस बेड पर लोग विश्राम करते हैं उस बेडशीट की धुलाई के प्रति निगम उदासीन बना हुआ है। लोगों को भोजन मिलना है, लेकिन इसकी सुविधा किसी भी रैन बसेरे में नहीं है। इस बार सर्दी में राहगीरों को परेशानी होगी। निगम ने अब तक कोई खास इंतजाम नहीं किया है। इसका संचालन करने वाले स्वयं सहायता समूह को निगम ने छह माह से मानदेय भी नहीं दिया है।

रैन बसेरा पर लाखों खर्च, कार्य अब भी अधूरा
तातारपुर स्थित नगर निगम गोदाम परिसर में तीन मंजिला रैन बसेरा का निर्माण कराया गया था। नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा ने एक वर्ष पहले इसका उद्घाटन भी कर चुके हैं। बहरहाल, 50 बेड वाले इस बसेरा भवन में कई कार्य अब भी अधूरे हैं। ग्राउंड तल में रसोई के कमरे का कार्य पूरा नहीं हुआ है। इस तल पर शौचालय का निर्माण नहीं कराया गया है। तीनों मंजिले के कमरों में टीवी पर करीब एक लाख रुपये से अधिक खर्च किए गए, लेकिन ये कनेक्शन के अभाव में बंद पड़े हैं। दूसरे तल के शौचालय का प्लास्टर भी उजड़ने लगा है। यहां लोगों की सुविधा के लिए चौकी, तोसक, तकिया, कंबल की सुविधा तो है, लेकिन धुलाई नहीं हुई है। ग्राउंड तल में निगम ने चूना व ब्लीचिंग का भंडारण कर रखा है।
--------------
यहां भी सुविधा नदारद
घंटाघर स्थित रैन बेसरा भवन की छत दरकने लगी है। छत के प्लास्टर में दरार आने की वजह से ठहरने वाले लोगों के लिए यह जानलेवा बन गई है। इसकी मरम्मत को लेकर निगम ने कारगर कदम नहीं उठाए। पेयजल की सुविधा नहीं है। नतीजतन, लोग स्नान तक नहीं कर पाते हैं। शौचालय गंदगी में गंदगी पसरी हुई है। यहां चार से पांच लोग ही पहुंचते हैं।
शौचालय व पानी की व्यवस्था नहीं
कोतवाली थाने के समीप रैन बसेरा में संचालन की लचर व्यवस्था है। यहां महिला वार्ड में पुरुषों को रखा जा रहा है। वहीं शौचालय और पानी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। छह चौकी की ही क्षमता रह गई है। बेड नहीं होने की वजह से वापस लौटना पड़ रहा है। नाथनगर में पीपरपांती के समीप नगर निगम के रैन बसेरा भवन में शौचालय का निर्माण, पानी की व्यवस्था की गई है, लेकिन गंदगी के माहौल में रहना पड़ रहा है। छोटी खंजरपुर के रैन बसेरा में सफाई के लिए झाडू तक नहीं हैं। गंदे बेड पर यहां प्रतिदिन चार से पांच लोग विश्राम कर रहे हैं। अधिकांश लोगों को रैन बेसरा की जानकारी तक नहीं है। इसके लिए रेलवे और बस पड़ाव आदि सार्वजनिक स्थानों पर व्यापक प्रचार-प्रसार भी नहीं किया जा रहा।
-------------
कोट
निगम कर्मियों को निरीक्षण के लिए भेजा जाएगा। रैन बसेरा में जो भी कमी होगी उसे दूर किया जाएगा।
- सत्येंद्र वर्मा, उपनगर आयुक्त

अन्य समाचार