छठ घाट की हालत खतरनाक, तैयारी पर संशय

आस्था के महापर्व छठ में 15 दिन से भी कम समय बचा है। लेकिन, अब तक घाटों को तैयार करने की दिशा में कोई पहल शुरू नहीं हुई। इस वर्ष तीन बार आयी बाढ़ के कारण शहर में बूढ़ी गंडक के किराने के घाटों की हालत अब भी खतरनाक बनी हुई है। इसके बावजूद नगर निगम ने घाटों की स्थिति सुधाने की दिशा में कई पहल शुरू नहीं की है। चुनाव व कोरोना को लेकर आने वाले दिशा-निर्देश के कारण तैयार में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

हर साल दुर्गा पूजा के बाद से ही निगम क्षेत्र के छठ घाटों को तैयार करने का काम शुरू हो जाता था। लेकिन, इस वर्ष ऐसा कुछ नजर नहीं आ रहा है। शहर में 95 घाट बनाने का काम निगम के जिम्मे है। इसमें दादर से लेकर चंदवारा तक की नदी घाट, सिकंदरपुर मन सहित अन्य पोखर व तालाब शामिल हैं। अब तक घाट की स्वच्छता व मिट्टी भराई जैसे कार्यों के लिए बैठक तक नहीं हो सकी है।
सरकार के आदेश का हो रहा इंतजार : कोरोना के कारण भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। घाट पर छठ का आयोजन होगा या नहीं इसको लेकर अबतक कोई स्पष्ट निर्देश नहीं आया है। निगम इस मामले में सरकार के आदेश का इंतजार कर रहा है। इस बीच डीएम ने नगर निगम को घाटों का निरीक्षण कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। निगम सूत्रों का कहना है कि जब तक सरकार से छठ को लेकर मार्गदर्शन तय नहीं हो जाता है, तब तक तैयारी संभव नहीं दिख रही है। कोरोना को लेकर घाट पर भीड़ को नियंत्रण करने के बारे सरकार क्या फैसला लेती है। उसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
18 को नहाये-खाए, 20 को पहला अर्घ्य : 18 नवंबर को नहाये-खाये है और 20 को शाम का अर्घ्य होगा। ऐसे में इस महापर्व में 15 दिन से भी कम समय बचा है। लेकिन, तैयारी को लेकर प्रशासनिक अधिकारी असमंजस में हैं। अब तक इस दिशा में कोई पहल नहीं हो सकी है।
बयान-: अब भी 15 दिनों का समय निगम के पास है। छठ महापर्व को लेकर सरकारी निर्देश का इंतजार किया जा रहा है। घाटों के टेंडर के लिए डीएम से मार्गदर्शन की मांग की गई है। चुनाव खत्म होने के बाद निर्देश के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
-विवेक रंजन मैत्रेय, नगर आयुक्त

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