केरल रचेगा इतिहास, मंदिर में पहली बार तैनात होगा अनुसूचित जनजाति का पुजारी

केरल में पहली बार सर्वोच्च मंदिर संचालक संस्था त्रावणकोर देवासम बोर्ड के प्रबंधन वाले तीर्थस्थल में कोई अनुसूचित जनजाति का पुजारी तैनात किया जाएगा। केरल सरकार ने ऐतिहासिक पहल करते हुए करीब 1200 धर्मस्थलों की देखरेख करने वाले बोर्ड में एक एसटी और 18 अनुसूचित जाति (एससी) के अंशकालिक पुजारी नियुक्त करने का निर्णय लिया है।

बता दें कि त्रावणकोर देवासम बोर्ड एक स्वायत्त मंदिर संस्था है, जो भगवान अयप्पा के सबरीमाला मंदिर समेत इस दक्षिण भारतीय राज्य के बहुत सारे मशहूर धर्मस्थलों का प्रबंधन संभालती है। केरल के देवासम मंत्री कादाकंपाली सुरेंद्रन ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि अंशकालिक पुजारियों की रिक्तियों को भरने के लिए एससी और एसटी श्रेणी की रैंक लिस्ट तैयार करने के बाद विशेष अधिसूचना के तहत 5 नवंबर को जारी कर दी गई है।

उन्होंने कहा, त्रावणकोर देवासम बोर्ड में अंशकालिक पुजारियों के पदों के लिए 23 अगस्त, 2017 को प्रकाशित रैंक लिस्ट में 310 लोगों का चयन किया गया था। एससी/एसटी श्रेणी की परीक्षा के लिए उस समय पर्याप्त उम्मीदवारों के नहीं मिलने के कारण एक विशेष अधिसूचना तैयार करने के बाद बृहस्पतिवार को जारी की गई थी। बोर्ड में एसटी श्रेणी की चार रिक्तियां हैं, लेकिन केवल एक ही आवेदन प्राप्त हुआ।
मंत्री ने कहा, लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) की वाम सरकार ने सत्ता में आने के बाद भर्ती बोर्ड का पुनर्गठन किया था और अभी तक त्रावणकोर, कोचीन और मालाबार देवासम बोर्डों में विभिन्न पदों के लिए 815 उम्मीदवारों का चयन कर चुकी है। अधिकृत सूत्रों के मुताबिक, राज्य सरकार ने अपने साढ़े चार साल के कार्यकाल के दौरान विभिन्न मंदिरों में करीब 133 गैर ब्राह्मण पुजारियों का चयन किया है।

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