अहोई अष्टमी व्रत कर व्रती मांगेंगी संतान की लंबी आयु

अहोई अष्टमी का व्रत कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन किया जाता है। विशेष तौर पर यह पर्व माताओं द्वारा अपनी संतान की लम्बी आयु व स्वास्थ्य कामना के लिए किया जाता है। रविवार को महिलाएं यह व्रत रखेंगी। पुत्रवती महिलाओं के लिए यह व्रत अत्यंत महत्वपूर्ण है। पं. प्रभात मिश्र व पं. जयकिशोर मिश्र ने बताया कि जिन माता-पिता को अपनी संतान की लिए स्वास्थ्य व आयु की दृष्टि से चिंता बनी रहती हो। इस व्रत के प्रभाव से संतान स्वस्थ होकर दीर्घायु को प्राप्त करता है। यह व्रत मुख्यत: सूर्योदय से लेकर सूयोस्त के बाद तक होता है। शाम के समय में आकाश में तारों को देखकर व्रत का पारण किया जाता है। कुछ स्थानों पर माताएं चंद्रमा दर्शन के बाद ही पारण करती है।अहोई अष्टमी की पूजा शाम 05 बजकर 30 मिनट से शाम 06 बजकर 58 मिनट के बीच कर लेना चाहिए।

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