शहर के गोपालगंज मोड़ के समीप टाउन हाल रोड स्थित भवन प्रमंडल कार्यालय परिसर में शनिवार की दोपहर अचानक आग लग गयी। इस घटना के बाद इलाके में अफरातफरी मच गयी। लोग जान बचाने को लेकर इधर-उधर भागने लगे। लपटें इतनी भयंकर व ऊपर तक उठ रही थी कि देखने लोगों की रूह कांप जा रही थी। गमीनत रही कि इस विकराल आग से किसी तरह के जानमाल का नुकसान नहीं उठाना पड़ा। लगभग तीन-चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। हालांकि स्टोर में रखी प्लास्टिक पाईपों में आग कैसे लगी, इसकी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल सकी।
बताया जाता है कि प्रतिदिन की भांति शनिवार को भी कर्मी भवन प्रमंडल कार्यालय में अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुके थे। कुछ देर बाद अचानक उन्हें भवन के पिछले हिस्से में आग लगते देखा। जब तक कर्मी कुछ समझ पाते काफी देर हो चुकी थी और आग बढ़ती ही जा रही थी। बाद में इसकी सूचना फायर सर्विस को दी गयी। इधर अपनी सभी तैयारियों के साथ जवान फायर बिग्रेड की सात-आठ वाहन सहित मौके पर पहुंचे और आग बुझाने के काम में लग गए। इधर अगलगी की जानकारी मिलते ही डीएम अमित कुमार पांडेय, एसपी अभिनव कुमार, एसडीपीओ जितेंद्र पांडेय, जिला अग्निशमन पदाधिकारी ममता कुमारी, नगर इंस्पेक्टर जय प्रकाश पंडित, मुफस्सिल थानाध्यक्ष ददन सिंह, महादेवा ओपी प्रभारी शशिभूषण मिश्रा, सदर बीडीओ मौके पर पहुंच गये। आग लगने के कारणों के संबंध में सही जानकारी जुटाने के लिए डीएम ने त्वरित एक जांच टीम का गठन कर दिया है। टीम सात दिनों के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट देगी।
भवन प्रमंडल कार्यालय परिसर में था स्टोर
भवन प्रमंडल कार्यालय का एक कर्मचारी ने बताया कि पच्चीस से तीस वर्ष पहले यहां जमीन खाली थी, तब यहां कोई कार्यालय नहीं था। खाली जमीन में यहां एक विभाग का स्टोर हुआ करता था। बाद में जब इस जगह पर भवन प्रमंड कार्यालय बना तब उसके बाद भी परिसर से उस स्टोर को हटाया नहीं गया। इस स्टोर में कुछ पुरानी जबकि काफी मात्रा में नई प्लास्टिक पाईपों को स्टोर किया गया था। जिसमें शनिवार को अचानक आग लग गयी। इस दौरान सबकुछ जलकर राख हो गया।
आठ फीट उंचाई तक रखी थी पाईप
इस अगलगी में कितने की संपत्ति का नुकसान हुआ है इसका अंदाजा खबर लिखे जाने तक नहीं लगाया जा सका था। जबकि भवन प्रमंडल के कर्मियों ने बताया कि पाईपों की संख्या काफी थी। एक अनुमान के अनुसार परिसर के पिछले हिस्से में लगभग आठ फीट की ऊंचाई तक पाईपों को एक दूसरे के ऊपर सजा कर रखा गया था।
फायर सर्विस की तैयारियों की खुली पोल
शहर के वीआईपी इलाके में लगी आग ने फायर सर्विस की तैयारियों की भी पोल खोलकर रख दी है। मानों उसकी तैयारियां आग लगने पर कुंआ खोदने जैसी थी। देखकर आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता था कि लचर व्यवस्था को धकेलकर किसी तरह से काम चलाया जा रहा है। आग लगने की सूचना मिलते ही जवान तो मुस्तैदी के साथ साजो सामान लेकर दौड़ पड़े। लेकिन, फायर सर्विस वाहन उनकी सभी तैयारियों पर लगातार पानी फेरने का काम कर रही थी। एक वाहन स्टार्ट ही नहीं हो रहा था जिसे अंतत: जवानों ने धकेलकर चालू करवाया। मौके पर पहुंचने के बाद पानी की व्यवस्था करने में भी काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा।
आग बुझाने में डटकर खड़े रहे जवान
भले ही फायर सर्विस की गाड़ी मौके पर धोखा देती नजर आई लेकिन फायर सर्विस के जवानों का हौसला देखते ही बनता था। सहायक प्रभारी अग्निशमन, सीवान शिवमुनि प्रसाद के नेतृत्व में विश्वकर्मा कुमार, प्रणव कुमार, विनय कुमार, नरेंद्र कुमार, सोनु कुमार, सुरज कुमार व सौरभ कुमार अपनी जान पर खेलकर आग बुझाने के कार्य में लगे रहे।
घटनास्थल पर तेज गति से भागती हैं पुरानी गाड़ियां
जिले के किसी भी प्रखंड क्षेत्र में आग लगने पर त्वरित मौके पर पहुंचने के लिए उपलब्ध पुरानी गाड़ियों को जवान तेज रफ्तार में दौड़ाते हैं। जो कभी भी जानलेवा साबित हो सकता है। फायर सर्विस कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार आग से निपटने के लिए जिले में कुल मिलाकर 16 गाड़ियां हैं। इनमें छोटी व बड़ी गाड़ियां भी शामिल हैं। दो बड़ी गाड़ियां बारह से पंद्रह साल पुरानी जबकि कई छोटी गाड़ियां छह से सात पुरानी हैं। जिले में एक कार्यक्रम के दौरान जब होमगार्ड डीजी आरके मिश्रा आए थे, उस दौरान भी एक जवान ने वाहनों को लेकर होने वाली परेशानियों पर उनका ध्यान आकृष्ट कराने की कोशिश की थी। बावजूद इसपर ध्यान नहीं दिया गया।