पाॅलिटिकल मास्टर स्ट्रोकः जीत गए तो पीएम मोदी, हार गए तो नीतीश बाबू जिम्मेदार!

प्रदीप द्विवेदी. बिहार विधानसभा चुनाव में मतदान का आखिरी चरण 7 नवंबर को पूरा हो गया और इसके साथ ही नतीजों को लेकर विभिन्न सियासी चर्चाएं, अनुमान आदि भी शुरू हो गए, लेकिन असली तस्वीर तो 10 नवंबर 2020 को ही साफ होगी.

अलबत्ता, नीतीश सरकार हारे या जीत जाए, पाॅलिटिकल मास्टर स्ट्रोक तैयार है- जीत गए तो पीएम मोदी, हार गए तो नीतीश बाबू जिम्मेदार होंगे.
हालांकि, यह बताया जा रहा है कि कोरोनाकाल में मत गणना के लिए जो विशेष दिशा-निर्देश दिए गए हैं, उनके मद्देनज़र चुनाव परिणाम आने में थोड़ी देरी संभव है.
क्योंकि, देश में आए राजनीतिक बदलावों के संकेत अक्सर बिहार से मिलते रहे हैं, लिहाजा इस बार के चुनाव केवल बिहार सरकार के ही नहीं, केन्द्र सरकार के कामकाज पर भी मतदाताओं की राय जाहिर करेंगे.
किसी चुनाव में यह पहला मौका है, जब इमोश्नल मुद्दों पर रोज़गार जैसे युवाओं के मुद्दे भारी पड़ते नजर आ रहे हैं.
रोज़गार को लेकर जहां तेजस्वी यादव ने 10 लाख नौकरियां देने का भरोसा दिया है, तो बीजेपी ने भी जवाब में 19 लाख रोज़गार का ऐलान कर दिया है.
देखना दिलचस्प होगा कि जनता किसके दावे पर विश्वास करती है?

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