मात्र 6 बार ही हुआ दाऊदनगर विधानसभा क्षेत्र में चुनाव

गया। बिहार विधानसभा के चुनावी इतिहास में औरंगाबाद जिले के दाउदनगर का विधानसभा क्षेत्र के रूप में भी वजूद कभी हुआ करता था। वर्ष 1952 से लगातार 1972 तक दाऊद नगर विधानसभा क्षेत्र के लिए चुनाव होता था। तब इसके साथ हसपुरा प्रखंड जुड़ा होता था। वर्ष 1977 से इस का वजूद खत्म हो गया और यह ओबरा विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा बन गया। दाऊद नगर विधानसभा क्षेत्र में मात्र एक बार कांग्रेस चुनाव जीत सकी थी, अन्यथा अन्य पांच बार समाजवादी ही यहां से जीतते रहे हैं। आजादी बाद वर्ष 1952 में हुए प्रथम चुनाव में सोशलिस्ट पार्टी से रामनरेश सिंह 9713 मत लाकर विधायक बने। इसके बाद वर्ष 1957 के चुनाव में यहां से प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के प्रत्याशी सैयद अहमद कादरी 10316 वोट लाकर चुनाव जीतने में कामयाब रहे थे। 1962 के चुनाव में पहली बार कांग्रेस प्रत्याशी राम नारायण सिंह यादव 13855 वोट लाकर चुनाव जीतने में सफल रहे थे। वर्ष 1969 के चुनाव में इस विधानसभा क्षेत्र से संगठन सोशलिस्ट पार्टी के रामविलास सिंह 1328 वोट ला कर जीतने में कामयाब रहे थे। इसके बाद हुए वर्ष 1972 के चुनाव में सोशलिस्ट संगठन पार्टी से फिर रामविलास सिंह 23935 वोट लाकर जीतने में कामयाब रहे थे। इसके बाद वर्ष 1977 के बिहार विधानसभा चुनाव में इस क्षेत्र का वजूद खत्म हो गया। चुनाव वार विवरण :- वर्ष विजेता/पार्टी प्राप्त मत उप विजेता/पार्टी प्राप्त मत 1952 राम नरेश सिंह एसपी 9713 शत्रुघ्न शरण सिन्हा आईएनसी 6241 1957 सैय्यद अहमद कादरी आइएनसी 10316 राम नरेश सिंह पीएसपी 5162 1962 राम नारायण सिंह यादव आईएनसी 13855 राम नरेश सिंह पीएसपी 6657 1967 राम नरेश सिंह पीएसपी 13604 राम बिलास सिंह एसएसपी 13581 1969 राम बिलास सिंह एसएसपी 21328 सुखदेव प्रसाद वर्मा आईएनसी 13043 1972 राम बिलास सिंह एसओपी 23935 राम नरेश सिंह निर्दलीय 14449 23 मत से जीत का अटूट रिकॉर्ड दाउदनगर विधान सभा क्षेत्र से सबसे कम मत अंतर से हार-जीत का रिकॉर्ड है। जिला में यह अब तक अटूट रिकॉर्ड बना हुआ है। वर्ष 1967 के विधान सभा चुनाव में राम नरेश सिंह प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से चुनाव मैदान में थे। वे पूर्व में प्रथम चुनाव में जीत कर विधायक भी रह चुके थे। उनको कांटे की टक्कर दी राम बिलास सिंह ने, जो संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के प्रत्याशी थे। उनका यह पहला चुनाव था। क्या गजब की टक्कर हुई थी। राम नरेश सिंह को 13604 मत मिला और राम बिलास सिंह को 13581 मत। मात्र 23 मत से जीत रिकॉर्ड आज भी कायम है।

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