लोग आज भी मानते है चाणक्य की नीतियां, जानिए इनके अनुसार एक व्यक्ति को अपने जीवन किन किन बातो से रहना चाहिए दूर..

चाणक्य ने हर इंसान को पांच चीजों से दूर रहने की सलाह दी है। ये पांच चीजें ऐसी हैं जो यदि इंसान में हों या इंसान के आसपास हों तो इंसान का जीवन कभी सुखमय नहीं हो सकता। ये चीजें इंसान के जीवन को मौत समान कष्ट देती हैं। तो आइए जानें क्या हैं ये पांच चीजें...

अत्यधिक क्रोध करना: जिस व्यक्ति के अंदर बहुत गुस्सा हो वह जीवन में कभी सुखी नहीं रह सकता। ऐसा व्यक्ति हमेशा चिड़चिड़ा, दुखी और परेशान रहता है। उसका गुस्सा न केवल उसे अपनो से दूर कर देता है बल्कि उसके गुस्से से वह खुद भी एक दिन अवसादग्रस्त हो जाता है।
वाणी के कारण ही युद्ध होते हैं और वाणी के कारण ही युद्ध खत्म भी होते हैं। बस फर्क वाणी के बोलने के अंदाज से होता है। इसलिए इंसान को अपनी वाणि पर हमेशा नियंत्रण रखना चाहिए और मधुर वाणी में ही बात करनी चाहिए।
ऐसा व्यक्ति अपने क्रोध से बनी बनाई बात को बिगाड़ देता है और जब उसका गुस्सा शांत होता है तब उसे अपनी गलती का अहसास होता है। गुस्सा करने वाले से हर कोई दूर रहता है और ऐसे लोगों से दोस्ती करने से भी लोग कतराते हैं। गुस्सा इंसान का जीवन नरक की तरह बना देता है।
कड़वी वाणी बोलना: जिस इंसान की जबान मीठी न हो वह किसी का प्रिय नहीं हो सकता। कड़वी जबान में अच्छी बात भी लोगों को बुरी लगती है और ऐसे लोगों को लोग हमेशा अपने से अलग रखते हैं। कड़वी जबान इंसान के संस्कार को बताती है, इसलिए किसी से बात करते हुए अपने वाणी को मधुर रखना चाहिए।
दरिद्रता का वास: दरिद्रता नरक समान ही होती हैं। जिस घर में इसका वास होता है वहां कभी सुख और समृद्धि का वास नहीं होने पाता। ऐसे घरों में रिश्ते भी जरूरत पर टिके होते हैं। इसलिए कोई अपना नहीं होता। दरिद्रता का वास इंसान को अपराध की ओर ले जाता है।
इसलिए दरिद्रता से दूर रहना चाहिए और जिस व्यक्ति के घर में दरिद्रता हो उसे इसे दूर करने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए, क्योंकि इसके होने से इंसान का जीना न जीना बराबर होता है। ऐसा इंसान अपने जीवन को जीना नहीं सीखता बल्कि अपने जीवन को काटता है। कई बार ऐसे लोग अपराध को ही जीवन जीने का रास्ता बना लेते हैं या गलत संगति ही इन्हें भाति है।

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