राशन कार्ड वालों के लिए बुरी खबर, मोदी सरकार ने रद्द कर दिए 44 लाख कार्ड, कहीं आपका नाम तो नहीं

राशन कार्ड रखने वालों के लिए बहुत बुरी खबर है. मोदी सरकार ने लगभग 44 लाख राशन कार्ड को निरस्त कर दिया है. केंद्र सरकार ने पब्लिक डिस्ट्रीब्युशन सिस्टम यानि PDS के जरिए 4 3 लाख 90 हजार अवैध तथा फर्जी राशन कार्ड (Ration Card) को रद्द कर दिया है. मोदी सरकार ने योग्य लाभार्थियों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत सब्सिडी वाला अनाज वितरित करने के उद्देश्य से यह फैसला लिया है.

बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड योजना पर तेजी से काम कर रही है. सरकार का उद्देश्य है कि प्रवासी मजदूरों को जल्द से जल्द राशन कार्ड का लाभ मिल सके. एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना के तहत देश के किसी भी हिस्से में रहने वाले व्यक्ति को सरकारी सब्सिडी दर पर राशन मिल सकेगा.
मोदी सरकार ने नेशनल पोर्टेबिलिटी क्लस्टर के तहत अब तक 28 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को इस योजना के लिए एक साथ लाने में सफलता हासिल की है. लेकिन लगभग 44 लाख राशन कार्ड रद्द होने पर एक खाद्य मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि डुप्लीकेट राशन कार्ड को चिन्हित करना जरूरी है.
अधिकारी ने बताया कि साल 2013 से पहले बड़ी संख्या में फर्जी राशन कार्ड थे. उन्होंने कहा कि पिछले सात साल में केंद्र सरकार ने इस सिस्टम में धोखाधड़ी रोकने पर ध्यान केंद्रित किया है. इसके बाद राशन कार्डों का डिजिटलीकरण अभियान चलाया गया. जिसने सार्वजनिक वितरण प्रणाली को पारदर्शी बनाने तथा दक्षता में सुधार लाने में मदद की है.
अधिकारी ने बताया कि अयोग्य राशन कार्डों को हटाते समय प्रत्येक राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेशों के लिए परिभाषिति कवरेज के भीतर नये लाभार्थियों को जोड़ना उद्देश्य है. नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत देशभर में करीब 81.35 करोड़ लोगों को फ्री राशन का लाभ मिलता है. देश की आबादी का यह लगभग दो-तिहाई हिस्सा है.
बता दें कि अभी करीब देश के 80 करोड़ लोगों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्र योजना (PMGKAY) के तहत प्रत्येक महीने 5 किलो मुफ्त अनाज मिल रहा है. माना जा रहा है कि कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए केंद्र सरकार इस योजना का विस्तार कर सकती है. योजना को मार्च 2020 में कोरोना वायरस महामारी से उत्पन्न स्थिति से लड़ने के लिए शुरू किया गया था.

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