बिहार विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण के शनिवार को हुए मतदान में 12 वर्तमान मंत्रियों के अलावा सात पूर्व मंत्रियों की भी किस्मत ईवीएम में बंद हो गई। चुनाव में दो मुख्य गठबंधन एनीडए और महागठबंधन के उम्मीदवार के रूप में ये सभी विरोधियों को पटकनी देने में जी-जान से जुटे रहे। जो पूर्व मंत्री मैदान में थे उनमें एनडीए के टिकट पर तीन और महागठबंधन से चार पूर्व मंत्री शामिल हैं।
तीनों चरणों में प्रमुख पार्टियों की बात करें तो 22 पूर्व मंत्रियों को एनडीए और महागठबंधन ने चुनावी समर में उतारा है, जिनके भाग्य का फैसला होना है। वहीं लोजपा से दो पूर्व मंत्री मैदान में थे। इस तरह प्रमुख पार्टियों से 24 पूर्व मंत्री भाग्य अजमा रहे हैं। तीसरे चरण के चुनाव में एनीडए के टिकट पर चुनाव लड़ रहे पूर्व मंत्रियों में धमदाहा से लेसी सिंह, लौरिया से विनय बिहारी और बाजपट्टी से डॉ. रंजूगीता शामिल हैं।
महागठबंधन की ओर से इस चरण में उतरे पूर्व मंत्रियों में केवटी से अब्दुलबारी सिद्दिकी, अमौर से अब्दुल जलील मस्तान, पातेपुर से शिवचंद्र राम और बोचहां से रमई राम शामिल हैं। इनमें तीन अब्दुलबारी सिद्दिकी, शिवचंद्र राम और अब्दुल जलील मस्तान वर्ष 2015 में गठित महागठबंधन की सरकार में मंत्री थे। इसी प्रकार पूरे चुनाव में इन दोनों गठबंधन से 24 पूर्व मंत्री मैदान में हैं।
चुनाव के बाद इन पूर्व मंत्रियों की आगे क्या भूमिका होगी? यह चुनाव परिणाम तय करेगा। पर, सभी की नजर इन पर है कि इन्हें जनता जीत का माला पहनाती है या नहीं। एक पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी चुनाव मैदान में हैं। पहले चरण में ही इनके क्षेत्र इमामगंज में चुनाव था। इसके अलावा लोजपा से पूर्व मंत्री भगवान सिंह कुशवाहा जगदीशपुर और रेणु कुमारी खगड़िया से चुनाव मैदान में हैं।
तीन पूर्व सांसद भी मैदान में तीसरे चरण में पूर्व सांसद भी चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें मधेपुरा से पप्पू यादव, समस्तीपुर से अश्वमेघ देवी और सहरसा से लवली आनंद शामिल हैं।