जिस स्कूल तक पहुंचने को 19 साल में नहीं बना रास्ता, वहां बनाया बूथ

दोनों तरफ बने मकान की संकरी गलियों से गुजरने के बाद खेत और इस खेत के बीच से गुजरकर उत्क्रमित म.वि. डुमरी उर्दू स्थित बूथ पर पहुंचते हैं मतदाता। यहां तक पहुंचने के लिए चारपाहिया वाहन तो दूर की बात दोपहिया भी नहीं आ सकता। वोट डालने पहुंचे ग्रामीणों का आक्रोश और पीड़ा दोनों मतदान के बहाने छलक उठा।

औराई विधानसभा क्षेत्र के जिस स्कूल तक पहुंचने का 19 साल में रास्ता नहीं बना वहां बूथ बनाया गया था। बिल्कुल खेतों के बीच बने इस स्कूल को लेकर आक्रोशित ग्रामीणों ने कहा कि गांव के ही एक शख्स ने यह जमीन दान की और यहां स्कूल बना। बाद में स्कूल मिडिल में अपग्रेड भी हो गया, लेकिन यहां तक पहुंचने का रास्ता नहीं है। सभी की निजी जमीन है। चंगेल पंचायत में पड़ने वाले इस स्कूल को लेकर ग्रामीण मो. असलम, आफताब आदि कहते हैं कि इस बूथ पर 502 वोटर है। बारिश के समय इन खेतों में पानी भर जाता है। ऐसे में स्कूल पहुंचने का कोई उपाय नहीं बचता। यह स्थिति हर साल होती है। लगभग पांच-छह महीने स्कूल बंद ही रहता है। ऐसे में बच्चों को पढ़ाने के लिए किसी के दरवाजे को खोजा जाता है। सुनसान इलाके में बने इस बूथ पर बोगस वोटिंग की आशंका को लेकर हंगामा भी हुआ।

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