मुजफ्फरपुर के बेला औद्योगिक इलाके में जलजमाव से मुक्ति नहीं, सालोंभर रहती तबाही

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बेला औद्योगिक इलाके में हजारों मजदूरों की जीविका चल रही है। सरकारें आती व जाती रहती हैं, लेकिन इस इलाके को जलजमाव से मुक्ति नहीं मिल पा रही है। हर साल बरसात में बेला स्थित औद्योगिक क्षेत्र पानी में डूब जाता है। उत्पादन ठप रहता है। इससे बड़ा नुकसान होता है, लेकिन कोई अधिकारी इसका निदान नहीं करा पा रहा है। इसका मलाल यहां के उद्यमियों को है। वे परेशान हैं। जानकारी के अनुसार बेला औद्योगिक क्षेत्र में 400 से अधिक फैक्ट्रियां हैं। इनमें करीब 75 बंद पड़ी हैं। कई में उत्पादन नहीं होने से उनकी जमीन का आवंटन रद कर दिया गया है। वहीं 34 फैक्ट्रियां निर्माणाधीन हैं। कुछ उद्यमी नई यूनिट लगाने के लिए लगातार आवेदन कर रहे हैं।

मोतीपुर में पर्याप्त जगह और सुविधाएं
मोतीपुर में औद्योगिक क्षेत्र बसाने के लिए पर्याप्त सरकारी जमीन है, लेकिन यूनिट नहीं लग रही हैं। वहां रेल यातायात, फोरलेन सड़क, बिजली, पानी व अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध हैं। मुजफ्फरपुर के अलावा उत्तर बिहार के कई प्रमुख जिलों के मध्य बसे होने से सरकार ने मोतीपुर में नया औद्योगिक क्षेत्र बसाने की मंजूरी दी है। वहां करीब एक हजार एकड़ जमीन है।
जलनिकासी की हो स्थायी व्यवस्था
लघु उद्योग भारती के निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष श्यामसुंदर भीमसेरिया ने कहा कि बिहार का विकास कृषि व उद्योग से किया जा सकता है। इसलिए मोतीपुर में मेगा फूड पार्क की स्थापना होनी आवश्यक है। बेला औद्योगिक इलाके से जलनिकासी की स्थायी व्यवस्था होनी चाहिए। उधर, उत्तर बिहार उद्यमी संघ के अध्यक्ष शिवनाथ प्रसाद गुप्ता ने कहा कि बाजार में बिक्री कम होने से उत्पादन पर असर पड़ रहा है। यह समस्या अगले वर्ष मार्च तक रहेगी।
इन संसाधनों की है जरूरत
- औद्योगिक परिसर में सड़कों की कमी है। जो सड़कें बनी भी हैं वे गुणवत्तापूर्ण नहीं।
- परिसर में पक्का नाला नहीं है। कच्चा नाला होने से पानी की निर्बाध निकासी नहीं हो पा रही है।
- शहर के पूर्वी इलाके का पानी बियाडा से होकर गुजरता है। इसकी वैकल्पिक व्यवस्था जिला प्रशासन व बियाडा प्रशासन नहीं कर पा रहा।
- जलनिकासी की व्यवस्था नहीं होने से बरसात के समय दो से तीन माह तक पूरा इलाका टापू में तब्दील हो जाता है।
- बरसात में उत्पादन ठप रहता और उद्यमियों को भारी आर्थिक क्षति होती है।
- इलाके में चहारदीवारी तोड़कर असामाजिक तत्व प्रवेश करते रहते हैं। इस पर रोक लगनी चाहिए।
- हर प्रवेश गेट पर सुरक्षा गार्ड रहना चाहिए। जगह-जगह सीसी कैमरे लगाने चाहिए।
- बियाडा में पूर्णकालिक प्रबंध निदेशक, मुजफ्फरपुर में पूर्णकालिक कार्यकारी निदेशक, बियाडा में विकास पदाधिकारी, अभियंता अभी नहीं हैं, जिससे परेशानी है।
- परिसर में कम से कम आधा दर्जन

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