केजरीवाल का हाईटेक इंडस्ट्रीज को इजाजत देने की योजना दिल्ली के लिए क्यों है अच्छा?

नई दिल्ली, 8 नवंबर। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरफ से ऐलान किया गया है कि प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर रोक लगाने के मद्देनजर नए औद्योगिकी क्षेत्रों के लिए विनिर्माण इकाइयों की कोई जगह नहीं होगी। उद्योग जगत के विशेषज्ञों ने इस पहल का स्वागत करते हुए कहा है कि यह न केवल शहर के लिए बल्कि विनिर्माण क्षेत्रों के लिए भी बेहतरीन साबित होगा।

केजरीवाल ने पिछले हफ्ते एक वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में इसकी घोषणा की थी।
उन्होंने कहा कि प्रदूषण को कम करने के लिए बनाए गए इस योजना के तहत नए औद्योगिक क्षेत्रों में केवल हाई-टेक और सेवा उद्योगों को ही खोलने की अनुमति होगी।
दिल्ली के मुख्यमंत्री द्वारा उठाया गया यह कदम काफी हद तक सही भी है क्योंकि शहर की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से सेवा क्षेत्र या सर्विस सेक्टर द्वारा प्रभावित है। औद्योगिक क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने कहा है कि भारत में विनिर्माण की प्रकृति भी बदल गई है और शहर अब इस तरह की इकाइयों के लिए उपयुक्त भी नहीं है।
इंडिया सेल्यूलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) के अध्यक्ष पंकज मोहिंद्रू ने कहा है, विनिर्माण को दिल्ली से बाहर ले जाने का निर्णय प्रथम दृष्टया ठोस मालूम पड़ता है। हमें दिल्ली को उच्च तकनीकि क्षेत्रों के रूप में डिजाइन किया जाना चाहिए, जिसके लिए आर एंड डी या सिंगापुर जैसे शानदार मॉडलों का सहारा लिया जा सकता है।
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत उद्योग और आंतरिक व्यापार को बढ़ावा देने के लिए तैयार एक गैर लाभकारी उपक्रम इंवेस्ट इंडिया के मुताबिक, दिल्ली में इस वक्त अनुमोदित 29 औद्योगिक क्षेत्र और चार फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेस है।
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