बाइडेन को सबने दीं बधाइयां, लेकिन किम जोंग उन ने साधी चुप्पी, जानिए कैसा है दोनों के बीच रिश्ता?

अमेरिका के राष्ट्रपति निर्वाचित हुए जो बाइडेन को दुनियाभर से बधाइयां मिल रही हैं। हर छोटे-बड़े देश के राष्ट्राध्यक्षों ने उन्हें शुभकामनाएं दी हैं। हालांकि, नॉर्थ कोरिया के शासक किम जोंग उन ने अभी तक चुप्पी साध रखी है। ऐसे मे दुनिया में इस बात को लेकर भी अटकलें चलने लगी हैं कि डोनाल्ड ट्रंप के साथ कभी धमकी और तू तू-मैं मैं तो कभी दोस्ती बढ़ाने वाले किम जोंग उन जो बाइडेन के साथ किस तरह का रिश्ता रखेंगे? 

हालांकि, बाइडेन और किम के बीच अब तक का रिश्ता कड़वा ही रहा है। चुनावी रैलियों के दौरान बाइडेन ने नॉर्थ कोरिया के नेता को तानाशाह और घातक बता चुके हैं। उन्होंने किम के साथ दोस्ती को लेकर डोनाल्ड ट्रंप की खूब आलोचना की थी। बाइडेन ने यह भी इशारा किया था कि वह किम के साथ मुलाकात करना चाहेंगे, लेकिन उनकी शर्त होगी कि प्योंगयांग कोरियाई प्रायद्वीप को परमाणु मुक्त बनाने के लिए काम करे। 
नॉर्थ कोरिया ने 2009 से 2017 तक बराक ओबामा कार्यकाल में उपराष्ट्रपति रहे बाइडेन के खिलाफ कठोर शब्दों का इस्तेमाल किया था। नॉर्थ कोरिया ने बाइडेन को कम समझ वाला व्यक्ति और सत्ता का महत्वाकांक्षी बताया था। 
शुरुआत में किम का रिश्ता ट्रंप के साथ भी ठीक नहीं था। दोनों के बीच काफी आरोप-प्रत्यारोप हुआ था और एक दूसरे के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल करने से भी नहीं चूकते थे। हालांकि, बाद में दोनों के बीच सबकुछ सामान्य हो गया था। दोनों के बीच जून 2018 के बाद तीन बार मुलाकात हुई। दोनों देशों के बीच समझौते का प्रयास किया गया जिसके तहत नॉर्थ कोरिया को परमाणु हथियार कार्यक्रम को समाप्त करना था तो बदले में अमेरिका ने प्रतिबंधों को हटाने का वादा किया था। हालांकि, कोई ठोस परिणाम नहीं निकल सका। 
एक तरफ किम इन दिनों चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ रिश्ता मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं और अहम मौकों पर बधाई संदेश भेजते हैं, लेकिन बाइडेन की जीत पर उन्होंने अब तक चुप्पी साध रखी है। 
2016 में जब ट्रंप चुनाव जीते थे तो नॉर्थ कोरिया की मीडिया ने विजेता का नाम नहीं लिया था। इसके बजाय सरकारी मीडिया ने कहा था कि ओबामा प्रशासन ने नए प्रशासन पर भारी बोझ डाल दिया है। नॉर्थ कोरिया के संदर्भ में अखबार ने लिखा, ''इसने नए प्रशासन पर आत्मनिर्भर परमाणु संपन्न राज्य का सामना करने की कठिनाई डाल दी है। डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति चुने जाने के ठीक बाद 10 नवंबर 2016 को यह संपादकीय छापा गया था। इसमें कहा गया कि ओबामा प्रसासन ने अमेरिका की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है।
नॉर्थ कोरिया ने ट्रंप का नाम विजेता घोषित किए जाने के 10 दिन बाद लिया था, वह भी तब जब उसने ट्रंप को बधाई संदेश भेजने के लिए साउथ कोरिया के राष्ट्रपति पार्क गेउन-हायइ की आलोचना की थी। हालांकि, 2008 में ओबामा की जीत पर प्योंगयांग ने जल्दी प्रतिक्रिया दी थी।

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