किशोर आरोपितों से पीड़ित जैसा व्यवहार करें: जिला जज

आपराधिक घटनाओं में शामिल किशोरों को अपराधी कतई नहीं समझना चाहिए। वास्तव में वे पीड़ित हैं। किशोर आरोपितों के साथ हमेशा पीड़ित जैसा व्यवहार होना चाहिए। इससे वे समाज की मुख्यधारा में वापस लौट सकते हैं। ये बातें जिला व सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार सिन्हा ने रविवार को कोर्ट परिसर स्थित एडीआर भवन में आयोजित कार्यशाला में कहीं। वे जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से किशोर न्याय अधिनियम व पॉक्सो एक्ट के उद्देश्य व कार्यान्वयन विषय पर आयोजित जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

जिला जज ने कहा कि किशोर आरोपितों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए जेजे एक्ट बना है। जेजे एक्ट के क्रियान्वयन में पुलिस की अहम भूमिका है। एडीजे प्रथम राकेश मालवीय ने कहा कि जेजे व पॉक्सो एक्ट सख्ती से लागू होना चाहिए। बेल आदेश को विस्तार से लिखा जाना जरूरी है। एडीजे केपी राणा ने कहा कि पॉक्सो एक्ट में पीड़िता की समय पर चिकित्सीय जांच आवश्यक है। इसके लिए पुलिस को सजग रहना चाहिए। सीजेएम मुकेश कुमार ने जेजे एक्ट से जुड़े श्रोताओं के संशय को दूर किया।

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