चुनाव बीतते ही परिणाम को लेकर हो रही चर्चा

बगहा। दो दिन पहले सम्पन्न हुए विधानसभा चुनाव व लोकसभा उपचुनाव के बाद प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला ईवीएम में बंद हो गया है। मतगणना और परिणाम आने में एक दिन का समय है। जिसका प्रत्याशियों के साथ जनता को भी बेसब्री से इंतजार है। चुनाव में मतदाताओं का रुख किस ओर जाएगा। इसका आंकलन सही मायने में नहीं हो पाता। हर प्रत्याशी मतदाताओं के रुख को अपनी जीत को तय बताने में नहीं चूकते। चुनाव के परिणाम को लेकर हरनाटांड़ में भी माहौल गर्म हो गया है। रविवार सुबह से ही चुनाव परिणाम को लेकर कयासों का सिलसिला शुरू हो गया। हरनाटांड़ बाजार के चाय के होटलों से लेकर, दुकानों और चौराहों पर हर पार्टी के प्रत्याशी की जीत और हार को लेकर चर्चाएं होती रहीं। थरुहट में जैसा नजारा शनिवार को दिन निकलते ही बूथों पर नजर आया कुछ वैसा ही नजारा रविवार को चाय के होटल, दुकानों व चौराहों पर था। गांव-देहात से लेकर बाजारों में भी युवा से लेकर बुजुर्गों तक की बातचीत में सिर्फ विधानसभा चुनाव और लोकसभा उपचुनाव के परिणाम की बात ही शामिल रही। किसी की राय में 10 नवंबर को वापसी की बात थी तो कोई बदलाव की वकालत करते दिखा। थरुहट से लेकर गंडक पार तक का आंकलन होता रहा। हर वर्ग की बहस में अपने-अपने तर्क भी शामिल रहे। किसी ने जीत का आधार बदलाव की लहर को बताया तो कोई विकास कार्य और बिजली के साथ एक बेहतर प्रत्याशी को आधार बनाकर अपनी बात को मजबूत करता नजर आया। परिचितों और रिश्तेदारों से रुझान की जानकारी ले रहे लोग : हरनाटांड़ बाजार में चुनाव प्रचार के अंतिम दिनों से लेकर मतदान तक सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों के अलावा बाकी दलों का कोई भी समर्थक मतदाता खुलकर बोलने से कतराता रहा। मतदान के दिन भी बाकी दलों से जुड़े मतदाता खुलकर सामने नहीं आए। कुछ उत्साही समर्थकों ने मतदान की रात इस पार से लेकर उस पर सहित क्षेत्र के बाकी हिस्सों से अपने परिचितों या रिश्तेदारों से रुझान की जानकारी लेने का प्रयास किया।

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