मुजफ्फरपुर जेल में अब आलू-प्याज व मशरूम उपजाने की तैयारी

शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा (मुजफ्फरपुर सेंट्रल जेल) के सजावार बंदी खुद के उपजाये आलू-प्याज खाएंगे। साथ ही मशरूम की खेती करेंगे। इसके लिए खेत तैयार कर लिया है। अगले दो दिन बाद आलू की बुआई होगी। इसके बाद प्याज व मशरूम की खेती की तैयारी है। बताया गया कि जेल के अलावा खुले बाजार में भी मशरूम की सप्लाई की जाएगी। इससे राजस्व भी बढ़ेगा।

जेल उपाधीक्षक सुनील कुमार मौर्य ने बताया कि जेल अधीक्षक राजीव कुमार की मॉनिटरिंग में कई सुधारात्मक योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसबार सजावार बंदियों को खेतीबाड़ी में लगाया जाएगा। आलू-प्याज के साथ मशरूम की खेती कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि आलू-प्याज के लिए खेत तैयार कर लिया गया है। दो दिन बाद बुआई की जाएगी। वहीं, मशरूम की खेती के लिए जेल के अंदर जमीन चिह्नित किया गया है। कब से इसकी खेती शुरू कराई जाए, इसके लिए कृषि वैज्ञानिक से सलाह ली जा रही है। उनके निर्देशन में मशरूम की खेती की जाएगी। आलू-प्याज की खेती में 50 से 60 बंदियों को लगाया जाएगा। इसके लिए उन्हें मानक के आधार पर मेहनताना भी दिया जाएगा।
15 जनवरी के बाद तैयार हो जाएंगे आलू-प्याज :
जेल उपाधीक्षक ने बताया कि 15 जनवरी के बाद आलू-प्याज की पैदावार होने लगेगी। फसलों की सही सिंचाई हो, इसके लिए कृषि सलाकार से भी संपर्क किया गया है। उन्होंने बताया कि इससे पहले जेल में बंद सजावार बंदी कद्दू, साग और अन्य हरी सब्जियों की खेती कर चुक हैं। बीते साल करीब एक लाख से अधिक का राजस्व सरकार को दिया गया था।
मसाला व सरसों तेल का हो रहा उत्पादन :
जेल उपाधीक्षक ने बताया कि जेल में पहले से कई तरह के छोटे उद्योग संचालित हो रहे हैं। रिकॉर्ड उत्पादन किया जा रहा है। मसाला, सरसों तेल, सत्तू का उत्पादन सबसे अधिक है। वहीं, फर्नीचर निर्माण, सूत कटाई, दर्जी के अलावा चूड़ा, साबुन, सर्फ, फिनाइल का उत्पादन भी हो रहा है।

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