पहले से मौजूद एंटी बॉडी नोवल कोरोना वायरस के खिलाफ कुछ लोगों को दे सकता है सुरक्षा: रिसर्च

वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि पहले से मौजूद एंटी बॉडीज कोविड-19 बीमारी देनेवाले कोरोना वायरस को भी निशाना बना सकते हैं और नए वायरस के खिलाफ एक खास तरह का संरक्षण दे सकते हैं. आपको बता दें कि एंटी बॉडीज संक्रमित होने के दौरान इम्यून सिस्टम के जरिए पैदा होते हैं.

पहले से मौजूद एंटी बॉडीज कोरोना वायरस से बचा सकते हैं
ब्रिटेन में फ्रांसिस क्रिक इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने खुलासा किया कि वायरल संक्रमण की प्रतिक्रिया में इम्यून सिस्टम लड़ाई के लिए एंटी बॉडीज बनाता है और ये एक अवधि तक ब्लड में रहकर दूसरी बार संक्रमण को रोकता है. साइंस नामक पत्रिका में प्रकाशित नए शोध के मुताबिक, कुछ लोग विशेषकर बच्चों के ब्लड में एंटी बॉडीज कोरोना वायरस के खिलाफ प्रतिक्रिया पैदा करते हैं. हालांकि, ये लोग वायरस से संक्रमित भी नहीं होते हैं. उन्होंने कहा कि ये एंटी बॉडीज अन्य कोरोना वायरस से संक्रमित होने का नतीजा हो सकते हैं. ये सामान्य जुकाम वाले वायरस भी हो सकते हैं और इसकी कोरोना वायरस के जैसी बनावट में समानता होती है.
ब्लड में रहकर दूसरी बार संक्रमण को रोकने में अहम भूमिका
वैज्ञानिकों ने कोविड-19 की जांच के एंटी बॉडीज तकनीक का इस्तेमाल कर कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों और स्वस्थ मरीजों के ब्लड की तुलना की. शोध के दौरान उन्होंने पाया कि स्वस्थ मरीजों के ब्लड में एंटी बॉडीज थे और उसने वायरस को पहचान लिया था. पुष्टि के लिए वैज्ञानिकों ने महामारी से पहले 2011-2018 के बीच इकट्ठा किए गए ब्लड सैंपल का परीक्षण किया. उन्होंने बताया कि करीब सभी सैंपल में एंटी बॉडीज पाया गया और उसने सामान्य जुकाम के कोरोना वायरस के साथ प्रतिक्रिया की.
उन्होंने कहा कि हर शख्स अपनी जिंदगी में कभी न कभी वायरस के संपर्क में आ चुका था. हालांकि, व्यस्क डोनर की मामूली संख्या यानी करीब 20 में से एक के पास भी कोरोना वायरस के साथ प्रतिक्रिया करनेवाले एंटी बॉडीज मिले और ये सामान्य जुकाम के कोरोना वायरस के हाल के संक्रमण पर निर्भर नहीं था. शोधकर्ताओं के मुताबिक, प्रतिरोधक एंटी बॉडीज 6-16 साल की उम्र के बच्चों से लिए गए ब्लड सैंपल में बहुत अधिक बार पाए गए. लैब में वैज्ञानिकों ने स्वस्थ लोगों के ब्लड में पाए गए एंटी बॉडीज की जांच कर खुलासा किया ये कोरोना वायरस को निष्क्रिय कर सकते हैं.
उन्होंने पाया कि प्रतिरोधक एंटी बॉडीज वायरस की सतह पर स्पाइक प्रोटीन के S2 सब यूनिट को निशाना बनाता है. S2 सब यूनिट पर्याप्त रूप से सामान्य जुकाम के कोरोना वायरस और सार्स-कोव-2 के खिलाफ एंटी बॉडीज के समान है. जबकि पहले के शोध से संकेत मिला है कि सिर्फ S1 के एंटी बॉडीज संक्रमण को रोक सकते हैं. हालांकि, उनका ये भी मानना है कि शोध से अभी कई सवाल की गुत्थी को सुलझाने के लिए आगे और अनुसंधान की जरूरत है.
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