विकास की आंधी में बह गया रोजगार का मुद्दा, एनडीए का आठ सीटों पर निर्णायक बढ़त

मधुबनी। बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। मतदान के बाद जारी एग्जिट पोल धराशाई हो गए। जिले के कुल दस में से पांच सीटों पर भाजपा ने निर्णायक बढ़त बना कर जिले में अपनी स्थिति को काफी मजबूत कर लिया है। कुल दस सीटों में से आठ सीटें एनडीए के खाते में गई। महागठबंधन को केवल दो सीटों से ही संतोष करना पड़ा। इस बार के चुनाव में जिले में भाजपा को चार सीटों का फायदा हुआ है। वहीं, जदयू और राजद को इस चुनाव में नुकसान उठाना पड़ा है। जदयू को अपने एक सीट से हाथ धोना पड़ा, जबकि राजद को तीन सीट गंवानी पड़ी है। कांग्रेस का जिला में खाता नहीं खुल सका। महागठबंधन के एक अन्य घटक दल सीपीआई के दोनों प्रत्याशी भी जनता की पसंद नहीं बन सके। जिले की तीन सीटों पर पूरे प्रदेश की नजर थी। बेनीपट्टी में पीएचईडी मंत्री अपनी प्रतिष्ठा बचाने में सफल रहे। बाबूबरही में दिवंगत पंचायती राज मंत्री कपिलदेव कामत की बहू मीना कुमारी ने भी पहले चुनाव में जीत का स्वाद चखा। वहीं, आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय को लौकहा शुरू से ही मतों की दौड़ में पीछे रहे।


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नए समीकरण में मजबूत हुई भाजपा, जदयू को नुकसान : पिछले विधानसभा चुनाव में जिले में केवल एक सीट जीतने वाली भाजपा के खाते में इस बार पांच सीटें आई हैं। पिछले चुनाव में एक सीट जीतने वाली कांग्रेस के हाथ इस चुनाव में एक भी सीट नहीं लगी। वहीं, जदयू को एक सीट और राजद को तीन सीटों का नुकसान उठाना पड़ा है। पिछले बार की जीती चार सीटों में से लौकहा को छोड़ शेष तीनों सीटों पर जदयू ने अपना कब्जा इस बार भी बरकरार रखा है। लौकहा से जदयू प्रत्याशी आपदा प्रबंधन मंत्री इस बार पिछड़ गए हैं।
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महागठबंधन को जोर का झटका धीरे से :
इस चुनाव में राजद को जोर का झटका धीरे से लगा है। राजद के हाथ से खजौली, बिस्फी और झंझारपुर की सीटें निकल चुकी है। राजद ने मधुबनी सीट पर अपनी निर्णायक बढ़त बना ली। एकमात्र लौकहा में राजद ने जदयू से सीट छीनी है। यह राजद की बड़ी जीत मानी जा रही है। पिछले चुनाव में जदयू के साथ गठबंधन कर राजद ने चार सीटें हासिल की थी, लेकिन इस बार राजद मात्र दो सीटों पर सिमटता नजर आया। मतदान के बाद एग्जिट पोल में दस में से छह से सात सीटें राजद के खाते में बताई जा रही थी, लेकिन मतगणना के शुरूआती दो-तीन घंटों के बाद ही सीन बदल गया।
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लोजपा का नहीं दिखा असर, कांग्रेस का सफाया : चुनाव में लोजपा का असर नहीं दिखा। जिन पांच सीटों पर भाजपा प्रत्याशी नहीं थे, उन सीटों पर लोजपा ने अपने उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन उन पांचों सीटों पर लोजपा चुनाव में असरदार नहीं दिखी। लोजपा की मौजूदगी के बावजूद इन सीटों पर आमने-सामने की टक्कर रही। वहीं, कांग्रेस का पूरी तरह सफाया हो गया। पिछले चुनाव में कांग्रेस ने बेनीपट्टी सीट से जीत दर्ज की, लेकिन इस बार यह सीट भी हाथ से निकल गई।
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