सिवान सीट पर 1500 वोटों से हुई ओमप्रकाश यादव की हार

सिवान । बिहार विधानसभा आम चुनाव 2020 का परिणाम मंगलवार को आ गया। चुनाव परिणाम आने के बाद जहां महागठबंधन में उत्सव का माहौल रहा, वहीं गठबंधन में मायूसी छायी रही। बुधवार को भी इसका असर साफ देखने को मिला। परिणाम आने के बाद सभी वोटर अपने पंसदीदा प्रत्याशियों की जीत हार का अंतर जानने को उत्सुक रहे। बता दें कि सिवान की आठ विधानसभा सीटों में कई सीट ऐसे हैं जहां जीत हार का अंतर 10 हजार से ज्यादा तो वहीं सिवान सदर ऐसी सीट है जहां 33 में 29 राउंड तक बढ़त बनाने वाले बीजेपी के प्रत्याशी ओमप्रकाश यादव अगले 4 राउंड में पिछड़ गए और 1500 वोट से हार गए। 105 सदर विधानसभा क्षेत्र से पूर्व मंत्री सह राजद प्रत्याशी अवध बिहारी चौधरी 76 हजार 52 मत प्राप्त कर जहां अपनी जीत दर्ज कराई है, वहीं भाजपा प्रत्याशी सह पूर्व सांसद ओमप्रकाश यादव 74 हजार 491 मत प्राप्त कर दूसरा स्थान प्राप्त किया है। अवध बिहारी चौधरी ने भाजपा प्रत्याशी को 1 हजार 561 वोटों से मात दी है।


जीरादेई में जेडीयू प्रत्याशी को 25 हजार वोट से दी करारी मार
देश के पहले राष्ट्रपति डॉ.राजेंद्र बाबू के गांव और 106 जीरादेई विधानसभा से भाकपा माले (महागठबंधन) के प्रत्याशी अमरजीत कुशवाहा ने 68 हजार 960 वोट पाकर जदयू प्रत्याशी कमला सिंह को 25 हजार 156 वोटों से शिकस्त दी है। हालांकि यहां दूसरे नंबर पर जदयू ही रही, लेकिन जीत हार में यह सीट सबसे ज्यादा अंतर वाली रही।
वोटर बढ़े लेकिन 11 हजार से पीछे रह गए रामायण मांझी
107 दरौली विधानसभा (सुरक्षित) निर्वाचन क्षेत्र में भी बीजेपी को मुंह की खानी पड़ी है। हालांकि यहां पिछले बार की तुलना में बीजेपी के वोटर बढ़े हैं बावजूद इसके भाकपा माले (महागठबंधन) के प्रत्याशी सत्यदेव राम ने 80 हजार 449 वोट पाकर भाजपा प्रत्याशी रामायण मांझी को 11 हजार 771 वोटों से हराया है। रामायण मांझी को 68 हजार 678 वोट मिले। 2015 के चुनाव में रामायण मांझी को करीब 39 हजार 992 वोट मिले थे।
17 हजार वोट से पिछड़ गए मनोज सिंह
108 रघुनाथपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से राजद ने दूसरी बार जीत हासिल की। राजद प्रत्याशी हरिशंकर यादव ने 67 हजार 201 मत प्राप्त कर लोजपा प्रत्याशी मनोज कुमार सिंह को 17 हजार 578 वोटों से शिकस्त दी है। जबकि जदयू प्रत्याशी राजेश्वर चौहान को 26 हजार 84 मतों से ही संतोष करना पड़ा है। जीतने के बाद हरिशंकर यादव ने मनोज सिंह को लेकर कहाकि मनोज सिंह जब तक रघुनाथपुर से चुनाव लड़ते रहेंगे तो अगर मैं जिदा रहा तब तक इस सीट से चुनाव लड़ कर उन्हें हराने का काम करूंगा। रघुनाथपुर में विकास को लेकर उन्होंने कहाकि जो कमियां रह गईं हैं उसे इस बार पूरा कर दूंगा।
उपचुनाव की अपेक्षा इस चुनाव में मुश्किल भरी रही जीत की राह
109 दारौंदा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी कर्णजीत सिंह उर्फ व्यास सिंह उपचुनाव में जीत हासिल करने के बाद दोबारा 2020 के विस चुनाव में जीत गए। उन्हें 71 हजार 654 मत मिले हैं, वहीं भाकपा माले (महागठबंधन) के प्रत्याशी अमरनाथ यादव 60 हजार 162 मत प्राप्त कर दूसरे स्थान पर हैं। भाजपा प्रत्याशी ने भाकपा माले प्रत्याशी को 11 हजार 492 मतों से मात दी है। लेकिन इन सब के बावजूद उपचुनाव में हुई जीत के आंकड़े इस बार उलट फेर करने वाले थे। कई राउंड में उन्हें महागठबंधन के प्रत्याशी से पिछड़ना पड़ा था। लेकिन अंतिम समय में वोटरों ने उन्हें जीत की दहलीज पर ला दिया। उपचुनाव में जीत जितनी आसानी से कर्णजीत सिंह को मिली उसकी अपेक्षा इस चुनाव में जीत की राह मुश्किल भरी रही
बच्चा को 'बच्चा' समझने की भूल पड़ गई भारी
110 बड़हरिया विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से राजद प्रत्याशी बच्चा पांडेय पहली बार चुनाव जीत कर विधायक बने हैं। हालांकि इसके पहले उन्होंने लोजपा से इस सीट पर भाग्य आजमाया था लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। पिछले चुनाव से सबक लेकर इस बार बच्चा पांडेय ने अपना पाला बदल लिया और राजद का दामन थाम कर 71 हजार 226 मत प्राप्त कर अपने प्रतिद्वंद्वी जदयू प्रत्याशी सह निवर्तमान विधायक श्यामबहादुर सिंह को 3 हजार 220 वोट से चुनावी मैदान में शिकस्त दी है। यहां श्यामबहादुर ने बच्चा पांडेय पर कई कटाक्ष किए और बच्चा पांडेय को बच्चा समझने की भूल और बड़बोलेपन ने उन्हें हार दिलाने में अहम भूमिका अदा की।
पिता की विरासत को बचाने में कामयाब हो गए देवेशकांत 111 गोरेयाकोठी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से पूर्व विधायक चुन्नू बाबू के बेटे सह भाजपा प्रत्याशी देवेशकांत सिंह गोरेयाकोठी के विधायक बन गए। उन्हें 87 हजार 192 तथा राजद (महागठबंधन) की प्रत्याशी नूतन वर्मा को 74 हजार 499 मत प्राप्त हुए। भाजपा प्रत्याशी ने राजद प्रत्याशी को 12 हजार 693 मतों से पराजित कर दिया है और अपने पिता की विरासत को बचाने में कामयाब रहे। यह चुनाव उनके लिए एक अग्निपरीक्षा थी। क्योंकि चुनाव के पूर्व लकड़ीनबीगंज सहित कई जगहों पर कुछ लोगों ने उनका विरोध किया था।
महाराजगंज का 'महाराजा' बनने से चूक गए हेमनारायण
112 महाराजगंज निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी विजय शंकर दुबे को अनुमंडल की 46 हजार 711 जनता ने वोट किया। जबकि जदयू प्रत्याशी सह निवर्तमान विधायक हेमनारायण साह को 48 हजार 349 वोट प्राप्त हुए हैं। कांग्रेस प्रत्याशी ने जदयू प्रत्याशी को 1 हजार 638 वोटों से पराजित कर दिया और महज जीत से कुछ कदम के फासलों पर आकर हेमनारायण साह महाराजगंज का 'महाराजा' बनने से चूक गए। यहां करीब चालीस वर्षों के बाद कांग्रेस ने वापसी की है। यह जीत कांग्रेस के जिला नेता सहित कार्यकर्ताओं के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
इन सीटों पर कम रहा जीत-हार का अंतर :
सिवान सदर विधानसभा, बड़हरिया विधानसभा सीट व महाराजगंज विधानसभा पर जीत हार का अंतर काफी कम रहा। जानकारी के अनुसार सदर विधानसभा सीट पर 1561, महाराजगंज विधानसभा सीट पर 1638 तथा बड़हरिया विधानसभा सीट पर 3220 वोट से हार-जीत का अंतर रहा। वहीं सबसे ज्यादा जीत का अंतर 25 हजार 156 जीरादेई विधानसभा सीट पर रहा।
आधी आबादी सिवान की जनता पर नहीं जता पाईं विश्वास
जिले के आठ विधानसभा में से चार विधानसभा सीटों पर पांच महिला प्रत्याशियों ने चुनावी मैदान में अपनी दावेदारी पेश की थी। हालांकि कोई भी महिला प्रत्याशी अपनी जीत दर्ज नहीं कराई पाईं। सिवान में जहां से भी महिला प्रत्याशी चुनावी दंगल में उतरीं उन्हें हार का सामना करना पड़ा। सिवान की जनता से यह स्पष्ट कर दिया कि वे विधानसभा चुनाव में आधी आबादी को मौका नहीं देना चाहते। सिवान में जीरादेई विधानसभा से जदयू प्रत्याशी कमला सिंह व निर्दलीय प्रत्याशी उगम पाठक, गोरेयाकोठी विधानसभा सीट से राजद प्रत्याशी नूतन वर्मा, दारौंदा विधानसभा सीट से राष्ट्रीय लोक नायक पार्टी की उम्मीदवार बेबी पांडेय तथा बड़हरिया विधानसभा सीट से रालोसपा प्रत्याशी वंदना देवी शामिल हैं।
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